बिहार का सीएम ललन सिंह जैसा हो..नारे के जवाब में बोले जदयू अध्यक्ष- मेरा मानसिक संतुलन ठीक है
ललन सिंह ने कहा है कि आरसीपी अपने अभियान के बारे में खुद ही बता सकते हैं। पत्रकारों से बातचीत में बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो ललन सिंह जैसा हो नारे क ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्री व जदयू नेता आरसीपी सिंह किस तरह के अभियान की बात कर रहे उन्हें इस बात की जानकारी नहीं। अपने अभियान के बारे में वही बता सकते हैं। पत्रकारों से बातचीत में 'बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो, ललन सिंह जैसा हो' नारे का जवाब भी ललन ने दिया। कहा कि जिसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं वही यह बात सोच सकता है।
मालूम हो कि आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन यानी एक मार्च से लगातार एक साल तक लगातार वह गांव-गांव घूमकर लोगों के घर-घर जाएंगे और उनके द्वारा किए गए कार्यो के बारे में लोगों को बताएंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से यह पूछा गया कि पिछले दिनों सरस्वती पूजा के एक आयोजन में जब वह गए थे तो यह नारा लगा था कि बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो, ललन सिंह जैसा हो, इस पर वह क्या कहेंगे? ललन सिंह ने कहा कि मेरा मानसिक संतुलन ठीक है। जिसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं वही यह बात सोच सकता है। नीतीश कुमार हम सभी के नेता हैं। कोई अगर सपने में भी उनकी जगह लेने को सोचता है तो उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं।
आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को विशेष राज्य के दर्जा के सवाल पर यह कहा था कि विशेष राज्य के दर्जा के तहत जो अवयव हैं उसका लाभ मिले। इस पर ललन सिंह से पूछा गया कि क्या इस मसले पर पार्टी के भीतर कोई कनफ्यूजन है? ललन ने कहा कि कोई कनफ्यूजन नहीं। पार्टी के नेता नीतीश कुमार हैैं। वह जो बोलेंगे वही पार्टी के पदाधिकारी बोलेंगे। कोई कुछ बोल देगा तो उसका क्या। हम ही अगर कुछ बोल देंगे तो उसका कोई मतलब है?
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति से चलना चाहिए बड़ा अभियान : उपेंद्र
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आरसीपी सिंह के अभियान पर कहा कि सदस्यता अभियान तो सालो भर चलता रहता है। पर अगर एक साल तक कोई अभियान चलना है तो इसके बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति जरूरी है। उपेंद्र ने कहा कि सदस्यता अभियान कभी बंद नहीं होता। लेकिन घर-घर जाकर एक साल तक पार्टी के स्तर पर इस तरह के अभियान के लिए पार्टी निर्णय करती है तब यह संचालित होता है।

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