रंग-बिरंगी सब्जियों से रहें अलर्ट, ताजगी दिखाने के लिए हो रही मिलावट; आसान तरीके से करें चेक
रंग-बिरंगी और चमकदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रही हैं। विक्रेता ताजगी दिखाने के लिए कृत्रिम रंग और रसायन का उपयोग कर रहे हैं, जिससे पाचन संबं ...और पढ़ें

रंग-बिरंगी सब्जियों से रहें अलर्ट, ताजगी दिखाने के लिए हो रही मिलावट
जागरण संवाददाता, पटना। बाजार में चमकती-दमकती और असामान्य रूप से हरी सब्जियां अब स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती जा रही हैं। ताजगी दिखाने के लिए कई विक्रेता कृत्रिम रंग, रसायन और मिलावटी पानी का उपयोग कर रहे हैं, जो शरीर के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इनका सेवन पाचन संबंधी दिक्कतों के साथ दिमागी दौरे तक का कारण बन सकता है। हाल के वर्षों में सब्जी व्यापार तेजी से बढ़ा है और कई जगह नाले के किनारे खेती की जा रही है।
ऐसे प्रदूषित पानी में पनपने वाले जीवाणु पौधों के साथ सब्जियों में भी पहुंच जाते हैं, जो शरीर में जाकर खून के माध्यम से दिमाग तक असर डाल सकते हैं। पूर्व में भी कई बार सब्जियों के रंगने के मामले आ चुके हैं।
हार्मोन इंजेक्शन से तैयार हो रही सब्जियां
सब्जियों को जल्दी बढ़ाने के लिए कई व्यवसायी पौधों में हार्मोन का इंजेक्शन लगा रहे हैं। इसका असर लौकी, खीरे जैसी सब्जियों में तुरंत दिखाई देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी सब्जियों का सेवन मोटापा, हार्मोनल असंतुलन और मानसिक समस्याओं का जोखिम बढ़ाता है।
ताजगी दिखाने के लिए रसायनयुक्त पानी का इस्तेमाल
लौकी, तरोई, गाजर, भिंडी, गोभी, पालक, करेला, बैंगन जैसी सब्जियों पर दुकानदार केमिकल मिले पानी का छिड़काव करते हैं, जिससे वे हर समय चमकदार दिखें। कई मामलों में सब्जियां रंग मिले पानी में भिगोकर रखी जाती हैं, जिसका रंग आसानी से निकलता नहीं है।
आलू-प्याज में भी मिलावट बढ़ी
कीमतों में वृद्धि के बाद अब आलू में भी मिलावट की जाने लगी है। कोल्ड स्टोर के आलू को लाल दिखाने के लिए रसायनों का सहारा लिया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। हाल में ही खाद्य संरक्षण विभाग की टीम आलू को जब्त कर फेंकवाया था।
विशेषज्ञों की चेतावनी
एम्स पटना के डॉ. अमरेश कृष्ण और पीएमसीएच के डा. बीके चौधरी बताते हैं कि कीटनाशकों और हार्मोन इंजेक्शन का अत्यधिक उपयोग सब्जियों को अस्वस्थ बना देता है। कद्दू, नेनुआ, करेला, खीरा और बैंगन जैसी सब्जियों में ऑक्सिटोसिन का प्रयोग बढ़ा है, जो मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
ऐसे करें मिलावट की जांच
आईजीआईएमएस के डॉ. मनोज कुमार चौधरी सलाह देते हैं कि बहुत हरी या चमकदार सब्जियों को सफेद कपड़े पर रगड़कर देखें। यदि रंग कपड़े पर उतर आए, तो समझें कि सब्जी मिलावटी है। सेब जैसे फलों में मोम की पहचान भी इसी तरह की जा सकती है।
- अत्यधिक चमकीली या आकर्षक सब्जियां न खरीदें।
- पानी से भीगी या बार-बार छींटे वाली सब्जियां न लें।
- मिट्टी चिपका कर बेचे जा रहे आलू-प्याज से बचें।
- अत्यधिक बड़े पत्तों वाला पालक और बहुत बड़े आकार की सब्जी न खरीदें।
- बाजार से सीधे खीरा, गाजर आदि उठाकर न खाएं, पहले अच्छी तरह धोएं।

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