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    पटना में जिम के गेट पर टंगा था झोला, ओनर ने देखा तो मिली एंजेल, हैरान कर देगा मामला

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 05:05 PM (IST)

    पटना में एक जिम मालिक को अपने जिम के गेट पर एक झोला मिला, जिसमें एक नवजात बच्ची थी। बच्ची का नाम एंजेल रखा गया है। मालिक ने पुलिस को सूचित किया, जो अब बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रही है। मालिक ने बच्ची की देखभाल करने की इच्छा जताई है।

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    जिम के गेट पर टंगा झोला उतारते जिम ओनर व म‍िली बच्‍ची।

    जागरण संवाददाता, पटना। इंसानियत की क्या कहें, यहां ममता ही मर गई। किसी पत्थर दिल ने जिगर के टुकड़े की परिभाषा बदल दी।

    नवजात बच्ची को झोले में भरा और राजीव नगर रोड नंबर 18 के जिम के गेट पर लटकाकर अंधेरे में गायब हो गया। किसी ने उसकी पैर की आहट भी ना सुनी।

    नवजात के रोने की आवाज मच्छरों की भनभनाहट और हवा की सरसराहट में खो गई थी। शायद वह भूखी थी या ठंड से कांप रही थी। कौन जानता है उस मासूम ने किन तकलीफों में रात बिताई?

    बस इतना पता चला कि सुबह तक उसके गाल और शरीर पर मच्छरों के काटने से निशानों से भर चुके थे और आंखें नींद से नहीं, दर्द से लाल थीं।

    कहा गया है, जिसका कोई नहीं, उसका भगवान है। जन्म देने से क्या होता है, मां तो मां है। हृदय विदारक घटना की सूचना मिलते कई लोग उसे अपनाने के लिए हाथ बढ़ाने लगे।

    रातभर झोले में टंगी रही बच्‍ची

    शनिवार की सुबह लोगों का दिल उस वक्त कांप उठा, जब एक जिम के गेट पर सफेद झोले में लिपटी नवजात बच्ची मिली। एक सफेद झोला में पुराने कपड़ों के बीच एक नवजात बच्ची थी।

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    रात 10 बजे जिम बंद हो गया था। उसके बाद किसी ने अंधेरे में आकर मासूम को वहां छोड़ दिया। सुबह करीब छह बजे जब जिम ओनर सौरव पहुंचे तो उन्होंने दरवाजे पर टंगा झोला देखा।

    पहले तो उन्हें लगा किसी का सामान होगा, लेकिन जैसे ही भीतर से हल्की-सी रोने की आवाज आई, उनके कदम ठिठक गए। झोला उतारा और अंदर झांका, जिसमें जहां एक नन्ही बच्ची अपनी नन्हीं उंगलियां हिला रही थी।

    देखते ही देखते जिम परिसर में लोग जुट गए। किसी की आंखों में आंसू थे तो कोई उस मासूम की किस्मत पर दुख जाहिर कर रहा था।

    लोगों की जुबान पर एक ही बात है, ममता इतनी बेदर्द कैसे हो सकती है कि अपने खून के रिश्ते को यूं सड़कों पर छोड़ दिया जाए। घटना की जानकारी मिलते ही राजीवनगर थाने की टीम पहुंची।

    इस दृश्य को देखकर वह भावुक हो उठे। उन्होंने तुरंत डायल 112 को फोन किया। देखने से बच्ची तीन चार दिन की ही होगी। बच्ची को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

    जांच के बाद बताया कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। केवल चेहरे पर मच्छरों के काटने से हल्की सूजन थी, जो इलाज के बाद ठीक हो गई।

    थानेदार सोनू कुमार ने बताया कि नवजात पूरी तरह सुरक्षित है। उसे फिलहाल बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। कानूनी प्रक्रिया जारी है। पुलिस यह जांच कर रही है कि उसे वहां किसने छोड़ा और क्यों?

    पुलिस की मानें तो कैमरा खराब होने से स्पष्ट कुछ नजर नहीं आया। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को फुटेज देखा जा रहा है।

    गोद लेने को बढ़े कई हाथ

    जैसे ही इस बात की खबर आसपास के लोगों को हुई, वह मौके पर पहुंच गए। पता चला कि बच्चा बाल कल्याण समिति को सौंपा गया है।

    सूत्रों की मानें तो कई लोग थाना पुलिस से संपर्क किए। कोई उस बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया पूछ रहा था तो कोई बच्ची को अपनाने की बात कहने लगा।

    नवजात को गोद लेने के लिए जिस तरफ लोग पुलिस से संपर्क कर रहे थे, उससे पुलिस भी हैरान थी। लोगों में कई तरह के सवाल उठ रहे थे, आखिर कोई मां ऐसा कैसे कर सकती है?

    आधी रात के बाद अगर वह बच्चे को वहां छोड़कर कई तो किसी ने बच्ची के रोने की आवाज नहीं सुनी? यह भी हो सकता है की कुछ देर पहले बच्ची को वहां रखा गया हो।

    अन्य दुकानें सुबह नौ बजे के बाद खुलती है, लेकिन जिम सुबह के समय। हो सकता हो उसे यह सोचकर वहां छोड़ा गया कि बच्ची किसी को कोई अपना ले।

    पुलिस ने बच्ची को जानकारी के अभाव में जिम ट्रेनर को सौंप दिया था। जानकारी होने के बाद बाल कल्याण समिति की पहल पर पुलिस ने बच्ची को लाकर नासरीगंज स्थित अरुणोदय एडाप्शन सेंटर को सौंप दिया है।

    अब बच्ची सरकार की जिम्मेदारी है जबतक कोई अभिभावक बता उसके लिए दावा प्रस्तुत नहीं करता है। दावे व साक्ष्य की जांच में पुष्टि पर इसे जैविक अभिभावकों को सौंपा जाएगा। यदि कोई नहीं आता है तो कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उचित दंपतियों को गोद दिया जाएगा।