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    Ayodhya Ram Mandir: बिहार में छुट्टी को लेकर छिड़ी सियासत, भाजपा ने नीतीश-तेजस्वी पर बोला जोरदार हमला; आडवाणी के राम-रथ का कर दिया जिक्र

    By Raman Shukla Edited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 22 Jan 2024 08:52 AM (IST)

    Bihar Political News आज यानी कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस मौके पर कई राज्यों में आज कहीं आधे दिन की तो कहीं पूरे दिन की छुट्टी का एलान किया गया है। वहीं बिहार में इस तरह की घोषणा नहीं की गई है। इसपर भाजपा नेता विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा है।

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    बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी। फोटो- जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने सभी कार्यालयों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और केंद्रीय संस्थानों में 22 जनवरी को आधे दिन का अवकाश रखने की घोषणा कर बहुसंखयक समुदाय की धार्मिक भावना का सम्मान किया है।

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    बिहार में भी हिंदू समाज के लोग 22 जनवरी को दिन में पूजा-पाठ और शाम को दीपावली मनाने वाले हैं। आइएनडीआइए वाले भी कुछ राज्य सहित देश के लगभग सभी राज्यों में अवकाश घोषित की गई है।

    विवेक ठाकुर ने कहा बिहार में भी सरकार को इस बड़े समुदाय की आस्था का सम्मान करते हुए राजनीति से ऊपर उठकर अवकाश घोषित करनी चाहिए थी। लेकिन तुष्टिकरण को मानसिकता वाली बिहार में महागठबंधन की सरकार ने ऐसा नहीं किया।

    विवेक ठाकुर ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री कृष्ण आडवाणी द्वारा निकाले गए राम रथ यात्रा को जिस प्रकार बिहार में रोका गया था, उसकी पुनरावृति कर फिर से वही संवाद देने की महागठबंधन सरकार कोशिश कर रही है। बहुसंख्य समाज इसे याद रखेगा।

    वोट बैंक की राजनीति में डूबी हुई हिंदू विरोधी बिहार सरकार की तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। घमंडिया गठबंधन व नीतीश-तेजस्वी के राजनीतिक महत्वाकांक्षा का दंश आज संपूर्ण बिहार के बहुसंख्यक समाज को भुगतना पड़ रहा है।

    राजेंद्र बाबू एवं इंदिरा गांधी भी कर चुके हैं मंदिरों का उद्घाटन : सुशील मोदी

    श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने अयोध्या पहुंचे राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहारवासियों से 22 जनवरी की शाम घरों-मंदिरों में दीप जलाने का निवेदन किया। कहा कि एक ऐतिहासिक सुअवसर पर राम-विरोधियों का तरह-तरह के अनर्गल प्रश्न उठाना दुखद है।

    उन्होंने कहा कि जो लोग प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति पर आपत्ति कर रहे हैं, उन्हें क्या पता नहीं कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया था। उस समय प्रधानमंत्री नेहरू राजेंद्र बाबू के निर्णय के विरुद्ध थे। आज नेहरू की पार्टी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकरा रही है।

    मोदी ने कहा कि 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरिद्वार के भारत माता मंदिर का उद्घाटन किया था, लेकिन आज कांग्रेस को अपना यह इतिहास याद करना असुविधाजनक लग रहा है।

    उन्होंने कहा कि जो लोग राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के समय को चुनाव से जोड़ कर देखते हैं, वे बतायें कि क्या 1952 में देश का पहला आम चुनाव सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन होने के मात्र चार महीने पहले नहीं हुआ था?

    उन्होंने कहा कि राम मंदिर के सारे अनुष्ठानों की तिथि साधु-संत, ज्योतिषाचार्य और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र का निर्णायक मंडल निर्धारित करते हैं , जबकि चुनाव की तारीख चुनाव आयोग तय करता हैं।

    मोदी ने कहा कि 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में गृह मंत्री बूटा सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलापति त्रिपाठी शामिल हुए थे। उस वर्ष राजीव गांधी ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत अयोध्या से की थी।

    भाजपा अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों की सूची घोषित

    भाजपा अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद सिंह चंद्रवंशी ने रविवार को प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की सूची घोषित कर दी है। प्रमोद ने आठ सह संयोजक, आठ क्षेत्रीय प्रभारी, 10 प्रवक्ता के अलावा महिला संयोजक, प्रशिक्षण संयोजक, इंटरनेट मीडिया संयोजक समेत कुल 31 सदस्यीय कार्यकारिणी की घोषणा की है। संजय कुमार निषाद को प्रदेश मुख्यालय प्रभारी बनाया है।

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