सकारात्मक सियासत : अन्तत: मोदी ने की नीतीश के मन की बात
प्रकाशोत्सव के मुख्य आयोज न के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की केमिस्ट्री सबको चौंका गई। राजनीति के ये दो धुरी एक सुर में नजर आए।
पटना [सद्गुरु शरण]। शराबबंदी मुहिम के लिए उन्हें चौतरफा सराहना मिली, लेकिन नीतीश कुमार के कान पिछले नौ महीने से जो सुनना चाहते होंगे, वह बात अन्तत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पटना में बोल ही दी। मोदी का खुले दिल एवं ऊंची आवाज में यह कहना गहरे सियासी मतलब रखता है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी मुहिम भावी पीढिय़ों की हिफाजत का साहसिक कदम है। इसके जरिए बिहार पूरे देश की प्रेरणा बनेगा।
राजनीतिक पंडित इन दोनों को मिशन-2019 के दो ध्रुव मानते हैं लेकिन गांधी मैदान में गुरु गोविंद सिंह प्रकाशोत्सव के मंच पर देश के पीएम और बिहार के सीएम की केमिस्ट्री चौंकाने वाली थी। भगवा पगडिय़ों के इत्तेफाक के साथ मंच पर पहुंचे दोनों नेताओं के हाव-भाव में दिख रही सकारात्मकता की उनके संबोधनों में दो टूक शाब्दिक अभिव्यक्ति हुई। एक-दूसरे की ओर कंधे झुकाकर दोनों दिग्गजों ने न सिर्फ खूब बातें कीं बल्कि कई बार किसी बात पर खिलखिलाए भी।
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शराबबंदी को लेकर नीतीश की भावुकता एवं संवेदनशीलता जगजाहिर है। वह कई बार सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री से मांग कर चुके हैं कि शराबबंदी बिहार के तर्ज पर पूरे देश में लागू की जाए। गुरुवार को भी उन्होंने संकेतों में यह इच्छा जताई। उन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने 12 वर्षों के कार्यकाल में मोदी ने शराबबंदी पुरजोर लागू रखी।
बाद में अपने संबोधन में मोदी ने शराबबंदी के फैसले के लिए जिस शैली और शब्दों में नीतीश कुमार की सराहना की, उसकी उम्मीद किसी को नहीं रही होगी। जिस मंच पर नीतीश सबका दिल जीत चुके थे, उसी मंच पर मोदी उनका दिल जीत ले गए।
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इससे पहले नीतीश कुमार कई बार पीएम मोदी और उनके फैसलों की तरफदारी कर चुके हैं। नोटबंदी पर उनके स्टैंड ने उन्हें विपक्षी नेताओं की कतार में विशिष्ट स्थान पर ला खड़ा किया यद्यपि पूर्व में भी वह राष्ट्रीय महत्व के चर्चित फैसलों (मोदी द्वारा अचानक पाकिस्तान पहुंचकर नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन पर बधाई देना, सर्जिकल स्ट्राइक, जीएसटी, नोटबंदी) पर मोदी के फैसलों की सराहना करके श्रेष्ठ सियासी सोच का उदाहरण पेश कर चुके थे।
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