अस्थमा से लेकर हार्ट अटैक तक....प्रदूषण ने बिगाड़ा लोगों का स्वास्थ्य, अस्पतालों में पहुंच रही मरीजों की भीड़
दिल्ली-एनसीआर में ठंड के साथ प्रदूषण बढ़ने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। अस्थमा अटैक और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों को घर से बाहर कम निकलने और मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।

बिहार में प्रदूषण से बेहाल लोग। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पटना। शहर में बढ़ते प्रदूषण और ठंड के कारण लोगों में सांस और आंखों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ गई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक खराब हवा में मौजूद प्रदूषक कणों से अस्थमा अटैक का खतरा 8 से 18 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
पिछले पांच दिनों में पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और पटना एम्स में 27 गंभीर अस्थमा मरीज इमरजेंसी व आइसीयू में भर्ती किए गए। इनमें पीएमसीएच में 12, आइजीआइएमएस में 11 और पटना एम्स में 4 मरीज शामिल हैं।
इसके अलावा हर दिन 25–30 मरीज सांस फूलने, खांसी, सीने में जकड़न और आंखों में जलन जैसी शिकायतों के साथ ओपीडी पहुंच रहे हैं। आइजीआइएमएस के पूर्व प्राध्यापक डॉ. नीरव कुमार ने बताया कि विशेषकर अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सुबह-शाम की सैर से बचने और प्रदूषण वाले समय में घर के अंदर रहने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को ऐसे इलाके में टहलने की जरूरत होती है, जहां प्रदूषण कम हो। इसके अतिरिक्त ठंड से भी बचाव जरूरती है।
बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रहीं यह समस्याएं
- आंखों में जलन व खुजली
- गले में खराश और खांसी
- सांस लेने में कठिनाई
- सिरदर्द और सुस्ती, पेट दर्द
- लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से बढ़ता जोखिम
- तनाव और उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक
- अस्थमा का बिगड़ना, फेफड़ों की क्षमता में कमी
विशेषज्ञों ने दी सलाह
- बाहर निकलते समय चश्मा और मास्क का उपयोग करें
- आंखों को पानी से साफ करते रहें
- गुनगुने पानी से गरारे करें, भाप लेते रहें
- अस्थमा व सांस के मरीज अपनी नियमित दवाएं लेना न भूलें
हाजीपुर को प्रदूषण मुक्त करने की पहल
हाजीपुर शहर को बढ़ते वायु प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में नगर परिषद हाजीपुर ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सोमवार को नगर परिषद कार्यालय परिसर में मल्टीफंक्शन वाटर स्प्रिंकलर मशीन का उद्घाटन सभापति डॉ. संगीता कुमारी और कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
पूजा-अर्चना कर तथा हरी झंडी दिखाकर इस मशीन को शहर में छिड़काव कार्य के लिए रवाना किया गया। यह मशीन अत्याधुनिक एंटी स्माग गन एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण से लैस है।
इस अवसर पर सभापति ने बताया कि हाजीपुर शहर में निरंतर चल रहे विकास कार्यों, सड़क निर्माण और विभिन्न परियोजनाओं की वजह से शहर में धूलकणों की मात्रा बढ़ गई थी, जिसके कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा था।
इस समस्या को लेकर समाचार पत्रों और इंटरनेट मीडिया में भी सुर्खियां बन रही थीं। ऐसे में नगर परिषद ने प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए इस अत्याधुनिक स्प्रिंकलर मशीन को उपलब्ध कराया है।
उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि इसके नियमित छिड़काव से शहर के वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी और लोगों को स्वच्छ हवा मिलेगी।
धूलकण नियंत्रण को प्राथमिकता
कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि यह मशीन एंटी स्माग गन तकनीक से लैस है, जो हवा में मौजूद सूक्ष्म धूलकणों को दबाने में अत्यधिक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि इस मशीन के माध्यम से अब सुबह और शाम शहर के मुख्य मार्गों, भीड़भाड़ वाले इलाकों एवं धूल-प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाएगा, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

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