डाक विभाग में APT 2.0 लागू होने के बाद भी बिहार में सेवाएं प्रभावित, कर्मचारियों ने किसे ठहराया जिम्मेदार?
बिहार में डाक विभाग द्वारा उन्नत डाक प्रौद्योगिकी 2.0 (एपीटी 2.0) लागू करने के बाद भी डाक सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है। सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण चिट्ठियों की बुकिंग और वितरण में दिक्कतें आ रही हैं जिससे लोगों में गुस्सा है। कर्मचारी संघ ने तकनीकी खामियों को जिम्मेदार ठहराया है जिससे कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं। अधिकारियों ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, पटना। डाक विभाग में उन्नत डाक प्रौद्योगिकी 2.0 (एपीटी 2.0) लागू होने के पांच दिन बाद भी बिहार में डाक सेवाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है। नए सॉफ्टवेयर के ठीक से काम नहीं करने के कारण चिट्ठियों की बुकिंग और वितरण में परेशानी हो रही है।
रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे डाक विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है। कई जगहों पर डाककर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई हैं।
राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ के सहायक राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रमंडलीय सचिव प्रेरित कुमार ने कहा कि इस स्थिति के लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं। सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियों के कारण कर्मचारियों को सुबह से लेकर रात 11-12 बजे तक काम करना पड़ रहा है।
एक महीने से अधिक समय से रविवार और छुट्टी के दिन भी अतिरिक्त समय तक काम करने के कारण कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित हैं।
कई कर्मचारी अस्वस्थ होने के बावजूद काम करने को मजबूर हैं। प्रेरित कुमार ने डाक निदेशालय, नई दिल्ली में सुब्रत दास (सदस्य, प्रौद्योगिकी), वीना कुमारी डर्मल (उप महानिदेशक, प्रौद्योगिकी), हरप्रीत सिंह (सदस्य, संचालन) से मुलाकात की और उन्हें समस्याओं से अवगत कराया तथा तत्काल समाधान की माँग की।
अधिकारियों ने बताया कि सीईपीटी की टीम 24 घंटे तकनीकी सुधार पर काम कर रही है और समस्याओं का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा। प्रेरित ने कर्मचारियों से धैर्य और अनुशासन से काम करने की अपील की और आशा व्यक्त की कि एपीटी 2.0 जल्द ही सुचारू रूप से काम करेगा, जिससे डाक सेवाओं में और सुधार आएगा।
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