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    Bihar: 10वीं पास कर सकते टूलरूम प्रशिक्षण संस्थान से डिप्लोमा, छह लाख रुपये तक का मिलेगा पैकेज

    Updated: Sat, 14 Jun 2025 02:59 PM (IST)

    टीआरटीसी पटना में संचालित होने वाले डिप्लोमा के दो पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए अब बिहार के अभ्यर्थियों के लिए विशेष छूट दी गई है। प्रवेश के लिए अब ...और पढ़ें

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    टूलरूम प्रशिक्षण संस्थान से डिप्लोमा करने का अवसर है। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र स्थित टूलरूम प्रशिक्षण संस्थान (टीआरटीसी) पटना में संचालित होने वाले डिप्लोमा के दो पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए अब बिहार के अभ्यर्थियों के लिए विशेष छूट दी गई है। नामांकन के लिए इच्छुक 10वीं पास अभ्यर्थी सात जुलाई तक आवेदन कर सकते है।

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    इस बाबत जानकारी टीआरटीसी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इंडो डेनिश टूल रूम के एमडी आनंद दयाल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रवेश के लिए अब दसवीं कक्षा में न्यूनतम अंक प्रतिशत की शर्त हटा दी गई है। अब दसवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं।

    इसके अलावा पहले प्रवेश के लिए 15 वर्ष से 19 वर्ष की आयु के छात्र ही योग्य माने जाते थे, लेकिन अब प्रवेश अर्हता में उपरी आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी गई है। अब 15 वर्ष से 22 वर्ष उम्र के छात्र इस वर्ष से डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश अहर्ता में बदलाव के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) से विशेष स्वीकृति प्राप्त करने के बाद की गई है।

    उन्होंने बताया कि एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त ‘डिप्लोमा इन टूल एंड डाई अंडर मैकेनिकल इंजीनियरिंग’ और ‘डिप्लोमा इन एडवांस मेकाट्रोनिक्स एंड इंडस्ट्रियल आटोमेशन’ में 300 सीटों (प्रत्येक में 150 सीट)पर नामांकन लिया जाना है। टीआरटीसी के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में चयनित अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों से पाठ्यक्रम शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

    ढाई लाख से छह लाख तक के पैकेज पर कैंपस

    एमडी आनंद दयाल ने बताया कि टीआरटीसी में मारूति, टाटा एडवांस, जीई एयरोस्पेस पुणे, जीई डीजल लोकोमोटिव, हीरो आदि कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए आती है। कंपनियां, मशीन आधारित प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवार को प्राथमिकता देते है। यही कारण है कि टीआरटीसी में पालिटेक्निक के छात्र बड़ी संख्या में प्रशिक्षण प्राप्त करने आते है। पिछले वर्ष लगभग दो हजार पालिटेक्निक छात्रों को मशीन आधारित दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया था।