Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NEET Paper Leak: पटना ही नहीं, सिकंदर ने रांची में भी लीक किया था पेपर, 10 करोड़ के वारे-न्यारे की थी साजिश

    Updated: Fri, 21 Jun 2024 12:05 PM (IST)

    NEET Exam Paper Leak 2024 नीट पेपर लीक मामले में हर दिन कोई न कोई खुलासे हो रहे हैं। अब जो जानकारी निकल करके सामने आ रही है उसके मुताबिक नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र पटना के अलावा रांची के केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को भी मिले थे। सूत्रों की मानें तो रांची में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के पास प्रश्नपत्र एक रात पहले ही पहुंच गए थे।

    Hero Image
    पटना के अलावा रांची के केंद्रों पर परीक्षा देने वालों को भी मिले थे प्रश्नपत्र।

    प्रशांत कुमार, पटना। NEET Paper Leak 2024: नीट यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक कांड में बिहार पुलिस (Bihar Police) की जांच गिरफ्तार आरोपितों और अभ्यर्थियों के इर्द-गिर्द ही घूम रही है, लेकिन गिरोह का नेटवर्क देशभर में फैला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों की मानें तो, पटना के अलावा रांची (झारखंड) के केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों तक भी एक रात पहले प्रश्नपत्र पहुंच गए थे। रांची के कांके इलाके में रिंग रोड स्थित एक से तीन मई तक कई अभ्यर्थियों और अभिभावकों के साथ गिरोह के सदस्यों ने बैठक की।

    गिरफ्तार अभ्यर्थी अभिषेक के पिता अवधेश कुमार भी उन बैठकों में शामिल हुए थे। बताया जाता है कि उस होटल में दानापुर नगर परिषद के निलंबित कनीय अभियंता सिकंदर कुमार यादवेंदु का भी आना-जाना था। इसी होटल से रांची स्थित एक केंद्रीय एजेंसी को नीट पेपर लीक की जानकारी हुई और सिकंदर का नाम सामने आया।

    सिकंदर की झारखंड पंजीकृत कार का नंबर भी होटल से ही मिला था, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने पटना पुलिस से जानकारी साझा किया और वह गिरफ्त में आ गया।

    हालांकि, बिहार पुलिस उन्हीं अभ्यर्थियों की पहचान कर पाई, जिनके एडमिट कार्ड सिकंदर के पास मिले थे। केंद्रीय एजेंसी को भी रांची के अड्डे और रुपयों की बदौलत प्रश्नपत्र खरीदने वाले अभ्यर्थियों का पता नहीं चल पाया।

    अवधेश की तलाश में थी केंद्रीय एजेंसी

    सूत्र बताते हैं कि वह होटल किसी विजय नामक व्यक्ति का है। केंद्रीय एजेंसी को अवधेश की तलाश थी, लेकिन वह बेटे को परीक्षा दिलाने पटना चले गए थे।

    वहीं, सिकंदर का दूसरा करीबी व्यक्ति केंद्रीय एजेंसी की घेराबंदी से पहले ही निकल गया था। केंद्रीय एजेंसी के कुछ पदाधिकारी यात्री बन कर होटल में गए थे।

    उन्होंने रजिस्टर पर सरसरी निगाह मारी, लेकिन किसी कमरे में संदिग्ध के होने की बात सामने नहीं आई। इसके बाद दो एजेंसी कर्मियों ने कमरा लिया और वेटर से बातचीत करने लगे। बातों-बातों में उन्हें सिकंदर की कार का नंबर मिला और मालूम हुआ कि सभी लोग पटना गए हैं।

    केंद्रीय एजेंसी के पास तत्काल कोई साक्ष्य नहीं था, जिससे सिकंदर, अवधेश समेत अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती थी।

    अनुज नामक व्यक्ति वसूल रहा था रुपये

    सूत्रों की मानें तो, अनुज नामक एक युवक के बारे में भी केंद्रीय एजेंसी को जानकारी मिली थी, जो पटना के धीरज की तरह सिकंदर के लिए रुपयों की हेराफेरी करता था।

    कहा जा रहा था कि रांची के लगभग 25 अभ्यर्थियों को एक अड्डे पर प्रश्नपत्र रटवाया गया था। प्रति अभ्यर्थी यहां भी 40-40 लाख रुपये वसूले गए थे। 10 करोड़ रुपये से अधिक के वारे-न्यारे करने की साजिश थी।

    रांची के अभ्यर्थियों से ली गई अग्रिम राशि, मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पोस्टडेटेड चेक आदि अनुज के पास ही सुरक्षित हैं। संभव है कि पहचान उजागर नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों से पूरी रकम वसूल ली गई होगी।

    यह भी पढ़ें: NEET Paper Leak 2024: वैशाली के अतुल और अंशुल मास्टरमाइंड, तलाश रही ईओयू; पकड़े जाने पर राज से हट जाएगा पर्दा

    Bihar Teacher News: बिहार में पहली बार सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ा बदलाव, एक लापरवाही और कट जाएगी सैलरी