अपराध के खिलाफ बिहार सरकार का बड़ा कदम, एंटी स्मगलिंग और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का हुआ गठन
बिहार सरकार ने नशीली दवाओं नकली मुद्रा और मानव तस्करी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एंटी स्मगलिंग टास्क फोर्स (एएसटीएफ) और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया है। इसमें पुलिस एसएसबी एनसीबी और कस्टम विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह टीम भारत-नेपाल सीमा पर तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और खुफिया जानकारी साझा करेगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में नशीली दवाओं, जाली मुद्रा, वन संपदा, हथियार और मानव तस्करी की बढ़ती चुनौती से निबटने और आवश्यक कार्रवाई के लिए एंटी स्मगलिंग टास्क फोर्स (एएसटीएफ) और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया गया है।
इस टास्क फोर्स में बिहार पुलिस के साथ सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और कस्टम विभाग के पदाधिकारी शामिल होंगे। यह टीम खासकर भारत-नेपाल सीमा समेत सीमावर्ती जिलों में तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी।
एसएसबी के आइजी ने दोनों टास्क फोर्स के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने केंद्रीय एवं राज्य सरकार की सभी एजेंसियों को साथ मिलकर एक टीम के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया है। यह टास्क फार्स इसी दिशा में प्रयास है।
इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं के भविष्य की रक्षा के उद्देश्य से गठित किया गया है। एंटी स्मगलिंग टास्क फ़ोर्स में एसएसबी की ओर से आइजी, राज्य पुलिस की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एवं अपर पुलिस महानिदेशक (आर्थिक अपराध ईकाई) और कस्टम कमिश्नर (प्रिवेंटिव) शामिल रहेंगे।
वहीं एंटी नारकोटिक्स टास्क फ़ोर्स में इन चारों अधिकारियों के अलावा एनसीबी के जोनल डायरेक्टर भी शामिल होंगे। इस टास्क फोर्स के गठन का उद्देश्य हर तरह की तस्करी से संबंधित नेटवर्क की पहचान कर उसे ध्वस्त करना है।
इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों और संवेदनशील मार्गों पर निगरानी और कार्रवाई को सशक्त किया जाएगा। विभिन्न एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाया जाएगा। कार्रवाई की समीक्षा के लिए मासिक बैठक आयोजित कर संयुक्त रणनीति भी बनाई जाएगी।
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