पटना के 75 तालाब बनेंगे अमृत सरोवर, मनरेगा योजना से दिया जाएगा नया लुक, यहां देख लें लिस्ट
एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले तालाब नहीं बन सकते अमृत सरोवर 75 का होगा चयन एक से पांच एकड़ क्षेत्र वाले तालाबों का अमृत सरोवर की कसौटी पर किया जा रहा सत्यापन वर्षा जल संचय पौधारोपण पहुंच पथ गंदगी से बचाव और पानी की उपयोगिता पर मंथन

जागरण संवाददाता, पटना। पटना के बड़े तालाबों की सूरत पूरी तरह बदलने वाली है। इन्हें अमृत सरोवर योजना के तहत विकसित किया जाएगा। पटना जिले में यूं तो तालाबों की संख्या 1,013 हैं, लेकिन सभी जलाशय अमृत सरोवर नहीं हो सकते। इसके लिए कम से कम एक एकड़ क्षेत्रफल होना अनिवार्य है। प्राथमिकता के आधार पर 75 जलाशय ही अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। अभी 161 तालाबों की सूची तैयार की गई है। मानक के अनुरूप आकलन उनका किया जाएगा। यदि 75 से कम तालाब इसकी खसौटी पर खरे उतरे तो बाकी को अनुकूल बनाने की कोशिश की जाएगी। संख्या अधिक होने पर केवल 75 का ही चयन होगा।
यह निर्णय आजादी की 75वीं सालगिरह को लेकर किया गया है। प्रथम चरण में सभी 23 प्रखंडों से बिंदुवार रिपोर्ट मंगाई गई है। इसमें क्षेत्रफल, संपर्क पथ, हरित क्षेत्र, आसपास गंदे नाले का बहाव, अतिक्रमण और वर्षा जल संचय की स्थिति का जिक्र है। सूची में वर्णित 161 तालाबों के नाम अमृत पोर्टल पर अपलोड हैं। इनमें से चयनित तालाबों को मनरेगा मद से नया लुक देने की योजना है।
शहरी क्षेत्र में अमृत सरोवर की गुंजाइश कम
पटना शहरी क्षेत्र में अमृत सरोवर की गुंजाइश कम है, क्योंकि बड़े-बड़े तालाब विकास के नाम पर गायब कर दिए गए हैं। कुछ मिले भी हैं तो उन्हें गंदे नाले से संरक्षित रखना भी चुनौती होगी। वैसे, कच्ची तालाब, सचिवालय तालाब, मंदिरी तालाब, बीएमपी और चिडिय़ाघर में तालाब बचे हुए हैं। पटना सिटी में मंगल तालाब और अदालतगंज तालाब का सुंदरीकरण हो चुका है।
बजट का रखना होगा ख्याल
अमृत सरोवर निर्माण के लिए बजट का भी ख्याल रखना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, जल संसाधन विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मत्स्य संसाधन और कृषि विभाग जल एवं भूमि संरक्षण मद से खर्च का प्रविधान है। शहरी क्षेत्र में नगर विकास मद से राशि का प्रबंध करना पड़ेगा। अमृत सरोवर की योजना भी ग्रामीण विकास मंत्रालय की है। प्रयास है कि ग्रामीण अंचलों में एक एकड़ से बड़े तालाब और जलाशय को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए।
जन भागीदारी के लिए जतन
अमृत सरोवर को भविष्य के लिए बचाने में जन भागीदारी की जरूरत महसूस हो रही है। गांव में बच्चे के जन्मदिन पर पौधे लगाए जाएं। पौधे को वृक्ष बनने तक लोग संरक्षित करने में भागीदार बनें। सरोवर के पानी से कृषि या समेकित उपयोग कैसे हो सकता, इन बातों का ख्याल रखकर प्लान को पूरा करना है। अब तक इन प्रखंडों में सरोवर के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है।
प्रखंड - सरोवर की संख्या
- बिक्रम - 2
- बिहटा - 2
- धनरुआ - 2
- पंडारक - 2
- बाढ़ - 2
- बख्तियारपुर - 2
- दनियावां - 1
- दुल्हिनबाजार - 1
- घोसवरी - 1
- मोकामा - 1

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