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    बिहार के विकास मद की राशि बढ़ी, पाबंदी हटते ही माननीय करने लगे योजनाओं की अनुशंसा

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 28 Apr 2022 06:38 PM (IST)

    बिहार के विधायकों एवं विधान पार्षदों की अनुशंसा पर पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल 636 करोड़ अधिक खर्च होंगे। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधान मंडल के दोनों सदनों के सदस्य एक वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ रुपये तक की योजनाओं की अनुशंसा कर सकते हैं।

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    योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव। जागरण आर्काइव।

    राज्य ब्यूरो, पटना : कोरोना की मार से उबर रही अर्थ व्यवस्था से स्थानीय विकास मद में खर्च की राशि बढ़ गई है। विधायकों एवं विधान पार्षदों की अनुशंसा पर पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल 636 करोड़ रुपये अधिक खर्च होंगे। दोनों सदनों के सदस्य विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अपनी अनुशंसा भेजने लगे हैं।  मालूम हो कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधान मंडल के दोनों सदनों के सदस्य एक वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ रुपये तक की योजनाओं की अनुशंसा कर सकते हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 और विधान परिषद के सदस्यों की संख्या 75 है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सदस्यों को सिर्फ एक करोड़ रुपये की योजनाओं की सिफारिश का मौका मिला था। बाकी दो करोड़ रुपये कोरोना से बचाव के उपायों पर खर्च किए गए थे। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी विधायक निधि की राशि पर कोरोना का आंशिक असर पड़ा था। योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में विधायक तीन करोड़ रुपये की योजनाओं की अनुशंसा कर सकेंगे। विधायक एवं विधान परिषद सदस्यों की अनुशंसा पूरे राज्य में लागू होती है।

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    कई जिलों में फैला का परिषद का निर्वाचन क्षेत्र

    विधानसभा सदस्य अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसा करते हैं। विधान परिषद सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार अनुशंसा का अधिकार मिला हुआ है। राज्यपाल के मनोनयन और विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित परिषद सदस्यों को किसी एक जिले के चयन का अधिकार है। शिक्षक, स्नातक के अलावा स्थानीय प्राधिकार से निर्वाचित कई विधान परिषद के सदस्यों का निर्वाचन क्षेत्र एक अधिक जिलों में है। लिहाजा ऐसे सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले सभी जिलों के लिए अनुशंसा कर सकते हैं। बेलसंड इकलौता विधानसभा क्षेत्र है, जिसके मतदाता दो जिलों-सीतामढ़ी और शिवहर जिले में हैं। इस क्षेत्र के विधायक को दो जिलों के लिए योजनाओं की अनुशंसा करते हैं। मुख्यमंत्री स्थानीय क्षेत्र विकास में कुल 19 योजनाएं शामिल हैं।