Bihar Politics: उत्तर में सीमांचल को साध गए मोदी, अब शाह बनाएंगे दक्षिण बिहार को जीतने की रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया में बिहार को चौथा हवाई अड्डा दिया है। अमित शाह बिहार के दौरे पर हैं जहां वे डेहरी-आन-सोन और बेगूसराय में चुनावी रणनीति पर बैठक करेंगे। उनका मुख्य ध्यान सीमांचल और मगध क्षेत्रों पर है जहां पिछली बार भाजपा को कम सफलता मिली थी। शाह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इन क्षेत्रों में एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णिया में बिहार को चौथा हवाईअड्डा सहित कई परियोजनाएं दे गए हैं। उनकी इस पहल को विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत की रणनीति माना जा रहा, विशेषकर सीमांचल को साधने के उद्देश्य से। मोदी से पहले नड्डा आए थे और अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा होने वाला है।
शाह बुधवार 17 सितंबर की रात आठ बजे तक पटना पहुंच जाएंगे। अगले दिन गुरुवार को पहले डेहरी-आन-सोन और उसके बाद बेगूसराय में बैठक कर चुनावी रणनीति बनाएंगे।
शाह की बैठक में चुनावी रणनीति तो वैसे दक्षिण-पूर्व बिहार के संदर्भ में बनेगी, लेकिन शाहाबाद और मगध पर विशेषकर फोकस होगा। दोनों बैठकों में 10-10 संगठनात्मक जिलों से संंबंधित पदाधिकारियों की उपस्थिति रहनी है।
सीमांचल एक कोना है और मगध-शाहाबाद दूसरा। ये दोनों कोने बिहार में भाजपा के लिए अपेक्षाकृत शिकस्त हैं। पिछली बार तो चार जिलों वाले शाहाबाद के कैमूर, बक्सर और रोहतास जिला में भाजपा क्या एनडीए का खाता तक नहीं खुला था। एकमात्र भोजपुर जिला में भाजपा को दो सीटें मिली थीं। चार जिलों वाले सीमांचल के किशनगंज में भी एनडीए खाली हाथ रहा था।
इस बार की चुनावी परिस्थिति वैसे भी सामान्य नहीं और उसमें भी यह कठिन भूमि। जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियोंं व क्षेत्रीय प्रभारियों सहित प्रदेश और संबंधित क्षेत्र के दूसरे महत्वपूर्ण नेताओं के साथ शाह गहन मंत्रणा करने वाले हैं। उस दौरान वे इस परिक्षेत्र में एनडीए की जीत का उपाय भी बता सकते हैं।
6 संगठन महामंत्री आए दूसरे प्रदेशों के:
बिहार को पांच परिक्षेत्र मेंं बांटकर भाजपा चुनावी रणनीति बना रही है। झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मणिपुर, तेलंगाना और उत्तराखंड के प्रदेश संगठन महामंत्रियों को इन क्षेत्रों में लगाया गया है। दो महामंत्रियों को सीमांचल-कोसी परिक्षेत्र का दायित्व मिला है।
अन्य चार संगठन महामंत्रियों को चार अन्य परिक्षेत्रों में लगाया गया है। इन्हीं की देखरेख में संबंधित क्षेत्रों में सारे चुनाव कार्य हो रहे। यही शीर्ष नेतृत्व को फीडबैक भी देंगे। पूरे चुनाव में ये अपने क्षेत्र में ही रहेंगे।
150 नेत्री आईं दूसरे प्रदेशों से:
भाजपा बूथ सशक्तीकरण से लेकर विधानसभा क्षेत्र स्तर तक रणनीति तय कर रही। दूसरे प्रदेशों के वरिष्ठ नेताओं के अतिरिक्त विभिन्न राज्यों की लगभग डेढ़ सौ महिला नेताएं भी घर-घर घूम रही हैं। उन्हें 121 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं से संवाद और उन्हें साधने का दायित्व मिला है। उनमें से कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां पिछली बार एनडीए को जीत मिली थी, लेकिन बदली परिस्थिति में अपेक्षाकृत अधिक सतर्कता व अतिरिक्त रणनीति की आवश्यकता है।
डेहरी के बाद बेगूसराय जाएंगे शाह
- डेहरी के ललन सिंह स्टेडियम में संगठनात्मक जिले रोहतास, कैमूर, आरा, बक्सर, गया पूर्वी, गया पश्चिमी, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद के नेताओं व पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक
- बेगूसराय में रिफाइनरी टाउनशिप खेल मैदान में संगठनात्मक जिले पटना ग्रामीण, पटना महानगर, बाढ़, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया और बेगूसराय के संदर्भ में होगी चर्चा
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