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    बिहार में एनएच पर अब हर साठ से सौ किमी पर एंबुलेंस, पैट्रोल वाहन और क्रेन की होगी तैनाती

    Bihar News एनएच पर अब हर साठ से सौ किमी पर एंबुलेंस पैट्रोल वाहन और क्रेन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रोड इंसिडेंट मैनजमेंट के लिए एसओपी तैयार किया बिहार में अभी अधिकतम 15 एंबुलेंस की जरूरत होगी

    By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 11:50 AM (IST)
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    एनएच पर हादसे रोकने के लिए बिहार सरकार ने बनाई रणनीति। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) पर अब हर 60 से 110 किमी पर एंबुलेंस, पैट्रोल वाहन और क्रेन की व्यवस्था रहेगी। सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने रोड इंसिडेंट मैनेजमेंट के तहत स्टैैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोस्डेयोर (एसओपी) तैयार कर राज्यों को इस बारे में निर्देश भेजे हैैं। समेकित रूप से एक हेल्पलाइन नंबर 1033 अस्तित्व में आएगा। इस पर कॉल करते ही सूचना नजदीकी नियंत्रण कक्ष तथा इंसिडेंट मैनजमेंट सेंटर को चली जाएगी। मौके पर मदद मिल पाएगी। वहीं 111 किमी से 160 किमी के बीच दो की संख्या में एंबुलेंस और क्रेन की तैनाती रहेगी एनएच पर।

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    डीएलपी वाले एनएच पर भी मिलेगी सुविधा

    सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने राज्यों को भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट किया है कि जिन राष्ट्रूीय उच्च पथों का निर्माण पूरा हो गया है उनके साथ-साथ उन सड़कों पर भी यह लागू होगा जो अब निर्माण एजेंसी से मुक्त हो गयी हैैं। निर्माण एजेंसी जिस सड़क को बनाती है उसकी जिम्मेवारी कुछ वर्षों तक उसके पास रहती है इसे डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड (डीएलपी) कहा जाता है। डीएलपी वाली सड़कों पर भी यह व्यवस्था लागू होगी।

    एनएच के किनारे बनाए जाएंगे इंसिडेंट मैनेजमेंट सेंटर

    एसओपी के तहत यह व्यवस्था की गयी है कि इंसिडेंट मैनेजमेंट सेंटर एनएच के किनारे बनाए जाएंगे। इसका निर्माण उस एजेंसी द्वारा ही कराया जाएगा जो संबंधित रोड को बना रही होगी। एंबुलेंस और पैट्रोल वाहन भी संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा व्यवस्थित किए जाएंगे। पूरे एनएच पर एंबुलेंस का रंग एक तरह का होगा।

    सूचना के तीस मिनट के अंदर सड़क से हटाना होगा दुर्घटनाग्रस्त वाहन

    एसओपी में यह भी तय कर दिया गया  है कि इंसिडेट मैनेजमेंट सर्विसेस के तहत जो क्रेन रखे जाएंगे उनकी क्षमता 20 मीट्रिक टन की होगी। किसी दुर्घटना की सूूचना के तीस मिनट के अंदर उसे  दुर्घटनास्थल पर पहुंच दुर्घटनाग्रस्त वाहन को हटाना है। इसकी चौबीस घंटे  मॉनीटरिंग भी होगी।

    बिहार में अभी पंद्रह एंबुलेंस की जरूरत होगी

    सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जो एसओपी तैयार किया गया है उसके अनुसार बिहार में अभी पंद्रह एंबुलेंस की जरूरत होगी। बिहार में एनएच की लंबाई 5000 किमी है जिसमें 2500 किमी पथ निर्माण विभाग के पास है। इनमें 1700 किमी निर्माणाधीन है। इसके बाद अधिकतम 800 किमी के लिए व्यवस्था होनी है।