मतदाता सूची पुनरीक्षण के बीच बिहार के सभी डीएम ने बुलाई बैठक, जनप्रतिनिधियों संग बड़े नेता रहेंगे मौजूद
मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध के बीच सभी डीएम ने नौ एवं 10 जुलाई को अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है। इसमें बूथों की अद्यतन सूची और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी सभी प्रतिनिधियों को दी जाएगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव तैयारियों की गतिविधियां तेज होने लगी हैं। चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध के बीच सभी डीएम ने नौ एवं 10 जुलाई को अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है। इस दौरान बूथों के पुनर्गठन एवं मतदाता सूची के युक्तिकरण को लेकर विस्तार से चर्चा होगी।
चुनाव आयोग द्वारा चलाये जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत यह बैठक अहम मानी जा रही है। इसमें बूथों की अद्यतन सूची और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी सभी प्रतिनिधियों को दी जाएगी। साथ ही उनसे सुझाव भी मांगे जाएंगे, ताकि कोई तकनीकी या व्यावहारिक चूक न रह जाए।
इससे पहले राज्य के सभी 77,392 मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन 25 से 26 जून के बीच कराया गया। इसके उपरांत बूथों का प्रारूप तैयार कर 30 जून को प्रकाशित कर दिया गया है। आयोग ने छह जुलाई तक इन पर दावा-आपत्ति की समय सीमा तय की है। आठ जुलाई तक सभी आपत्तियों का निपटारा करना है। जिलों में बीएलओ की नियुक्ति और गणना फार्म की समीक्षा का काम भी जारी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सुगम बनाने में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी जरूरी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे जिला स्तर की बैठक में अपनी-अपनी पार्टी की सहभागिता सुनिश्चित करें।
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