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    Ajay Nishad का 'कमल' से मोहभंग, अब इस सांसद पर टिकी निगाहें; BJP का दूसरा विकेट भी गिरेगा?

    अजय निषाद ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। अजय निषाद की तरह ही सासाराम के मैदान से बेदखल हुए भाजपा सांसद छेदी पासवान भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। दोनों अपने-अपने क्षेत्र में पिछले दो चुनावों में विजयी रहे हैं लेकिन भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण में फीडबैक उनके अनुकूल नहीं रहा है। ऐसे में भाजपा मुजफ्फरपुर और सासाराम में नए प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 02 Apr 2024 06:51 PM (IST)
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    Ajay Nishad का 'कमल' से मोहभंग, अब इस सांसद पर टिकी निगाहें; BJP का दूसरा विकेट भी गिरेगा?

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुजफ्फरपुर से बेटिकट हो चुके सांसद अजय निषाद मंगलवार को भाजपा छोड़कर कांग्रेस के पाले में आ गए। दिल्ली में पार्टी के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश व राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। प्रबल संभावना है कि अजय कांग्रेस के प्रत्याशी हों।

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    अभी विधायक बिजेंद्र चौधरी मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। इस चुनाव में बिहार में किसी सांसद के पाला बदल का यह पहला उदाहरण है। अजय निषाद की तरह ही सासाराम के मैदान से बेदखल हुए भाजपा सांसद छेदी पासवान भी कांग्रेस के संपर्क में हैं।

    दोनों अपने-अपने क्षेत्र में पिछले दो चुनावों में विजयी रहे हैं, लेकिन भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण में फीडबैक उनके अनुकूल नहीं रहा है। ऐसे में भाजपा मुजफ्फरपुर और सासाराम में नए प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।

    अजय निषाद ने लहराया था भाजपा का झंडा

    2019 में विकासशील इंसान पार्टी के राजभूषण चौधरी और 2014 में कांग्रेस के डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह को मुजफ्फरपुर के मैदान में पराजित कर अजय निषाद ने भाजपा का झंडा लहराया था। राजभूषण इस बार मुजफ्फरपुर में भाजपा के प्रत्याशी हैं और अखिलेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। अजय निषाद के लिए आज भी दोनों से वास्ता है।

    टिकट की आस लेकर आए थे पप्पू यादव

    अजय निषाद से पहले टिकट की आशा में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करते हुए 20 मार्च को कांग्रेस के हो गए थे। पूर्णिया पर उनकी दावेदारी थी, जहां से राजद ने जदयू छोड़कर आई विधायक बीमा भारती को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

    पूर्णिया सीट महागठबंधन में कांग्रेस को नहीं मिली और पप्पू द्वंद्व में फंसे हुए हैं। चार अप्रैल को वहां नामांकन की अंतिम तिथि है।

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