दिल्ली से अधिक खराब हुई पटना की हवा, मोतिहारी, बेतिया, सिवान, बक्सर, दरभंगा का हाल तो और भी बुरा
Air Pollution in Bihar बिहार के छोटे-छोटे शहरों में भी जानलेवा होने लगी है हवा। पटना में हवा की गुणवत्ता दिल्ली से भी खराब। बक्सर दरभंगा सिवान बेतिया और मोतिहारी का हाल और भी खराब हुआ। इन शहरों में 400 के पार पहुंचा एक्यूआइ

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की हवा लगातार खराब होती जा रही है। मंगलवार को बेगूसराय राज्य का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। वहां पर एयर क्वालिटी सूचकांक 453 रिकॉर्ड किया गया। उसके अलावा मोतिहारी में 427, बेतिया में 401, सिवान में 449, बक्सर में 436, दरभंगा में 444 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। वहीं मंगलवार की सुबह पटना में प्रदूषण की मात्रा 369 रिकार्ड की गई, जबकि दिल्ली में प्रदूषण 359 एक्यूआइ रहा।
धूलकण और नमी के कारण बिगड़ा हाल
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार घोष का कहना है कि वर्तमान में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर है। इसका मुख्य कारण वातावरण में बढ़ी नमी एवं धूलकण को माना जा रहा है। इसके अलावा वाहनों से उत्सर्जित गैस भी प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं। प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि सड़कों पर गिरा बालू प्रदूषण बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक बन रहा है।
नगर निगम अपनाए उपाय, तो दूर होगी दिक्कत
नगर निगम सड़क से बालू हटाए, नियमित पानी का छिड़काव हो तो प्रदूषण को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह का कहना है कि आसपास के वातावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है । शहर के पेड़ों की पत्तियों पर धूल की परत जमी है । अगर वन विभाग उनकी धुलाई के लिए नियमित व्यवस्था कर दे तो प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता है ।
मास्क पहनकर घर से निकलना बेहतर
प्रदूषण की चपेट में स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा आ रहे हैं। पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है । ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है । लोग घर से मास्क पहनकर ही निकले तो काफी राहत मिलेगी । एलर्जी जैसी समस्याओं से बच्चों को बचाया जा सकता है । वर्तमान में प्रदूषण के कारण एलर्जी के मामले में काफी वृद्धि देखी जा रही है।
सड़क से बालू हटाना है जरूरी
श्री चंद्र हाई स्कूल के प्राचार्य डॉ अहमद का कहना है कि कुर्जी से जुड़ी अधिकांश सड़कों पर बालू की परत जमा होने के कारण पूरा वातावरण प्रदूषित है । प्रदूषण से निपटने के लिए नगर निगम प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। मुख्य रूप से सड़क से बालू की परत हटाना बहुत जरूरी है इसके अलावा नियमित रूप से पानी का छिड़काव होना चाहिए ताकि धूल का कण वातावरण में न फैल सके।

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