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    देश में सर्वाधिक प्रदूषण वाले दो-तिहाई शहर बिहार के; मोतिहारी, बेतिया, समस्‍तीपुर, बक्‍सर के सामने दिल्‍ली फेल

    By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan Pathak
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 01:43 PM (IST)

    Bihar AQI Today बिहार के शहरों ने वायु प्रदूषण के मामले में तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं। हालत यह है कि देश के टाप 15 प्रदूष‍ित शहरों में 11 बिहार के हैं। बिहार के दो शहरों में तो एक्‍यूआइ खतरनाक स्‍तर पर पहुंच गया है।

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    Bihar AQI Today: देश के सर्वाधि‍क प्रदूषित शहरों में बिहार की हालत चिंताजनक।

    पटना, आनलाइन डेस्‍क। Air Pollution in India: ठंड का मौसम नजदीक आते ही भारत के मैदानी हिस्‍सों में वायु प्रदूषण की समस्‍या गंभीर हो जाती है। वायु प्रदूषण की बात होती है, तो लोगों को लगता है कि दिल्‍ली, गाजियाबाद, गुड़गांंव और नोएडा में ही हालात सबसे अधिक खराब होंगे, हालांकि यह भ्रम है। सच्‍चाई यह है कि बिहार (Bihar AQI Today) के छोटे से छोटे शहर के वायु प्रदूषण के सामने दिल्‍ली कहीं नहीं टिकता है। 

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    बिहार के शहरों का हाल सबसे बुरा

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से जारी आंकड़ों को अगर आप देखें तो हैरान हो जाएंगे। इसमें लाल और गहरे लाल रंग से अधिक प्रदूषण वाले शहरों को दर्शाया जाता है। इस रंग से चिह्न‍ित शहरों के नाम देखकर आपको पता चल जाएगा कि देश भर में वायु प्रदूषण का बड़ा हिस्‍सा तो बिहार के शहरों से ही है। हमने नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) से यह जानकारी हासिल की है, जो आप भी आगे देख सकते हैं। 

    बिहार के ये सभी शहर रेड जोन में

    एनसीडीसी ने सीपीसीबी से सोमवार को सुबह 10 बजे के करीब हासिल किए गए आंकड़ों को जारी किया है। इसमें बिहार के बेगूसराय में 379, बक्‍सर में 378, छपरा में 316, दरभंगा में 354, कटिहार 327, पटना में 322, पूर्णिया में 317, सहरसा 327, समस्‍तीपुर 357 एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स दर्ज किया गया है। ये सभी शहर रेड जोन में हैं।

    इस रिपोर्ट में 167 शहरों का आंकड़ा

    सीपीसीबी की इस सूची में देश भर के कुल 167 शहरों का आंकड़ा शामिल किया गया है। इनमें कुल 13 शहर रेड जोन में हैं। आपको यह जानकर ताज्‍जुब हो सकता है कि 13 में से नौ शहर केवल बिहार के हैं। इनके अलावा रेड जोन वाले शहरों में देश की राजधानी दिल्‍ली के अलावा मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र का एक-एक शहर शामिल है। रेड जोन वाले शहरों में दिल्‍ली 316, जबलपुर 308, पुणे में 302, सिंगरौली 301 एक्‍यूआइ के साथ शामिल हैं।

    बेतिया और मोतिहारी का हाल सबसे बुरा

    बिहार के दो शहर तो रेड जोन से भी आगे निकल चुके हैं। बेतिया में 469, मोतिहारी में 410 एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स दर्ज किया गया है। 400 से अधिक एक्‍यूआइ वाले पूरे देश में केवल ये दोनों शहर ही हैं। इन शहरों की वायु गुणवत्‍ता सांस के मरीजों के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है। 

    छह श्रेणियों में होता वायु प्रदूषण का वर्गीकरण

    अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुसार वायु प्रदूषण का वर्गीकरण छह श्रेणियों में किया जाता है। 0 से 50 तक एक्‍यूआइ वाले शहरों को हरे रंग से दर्शाया जाता है। इसे लो रिस्‍क वाला क्षेत्र माना जाता है। 51 से 100 एक्‍यूआइ वाले शहरों को हल्‍के हरे रंग से दर्शाया जाता है। यह स्थिति थोड़ी चिंताजनक है। पीला रंग अधि‍क चिंता वाला क्षेत्र दर्शाता है। इसमें 101 से 200 एक्‍यूआइ को शामिल किया जाता है। आश्‍चर्य की बात है कि बिहार के तमाम जिला मुख्‍यालयों में स्‍थ‍िति इससे अधिक गंभीर है। 

    बिहार का हाल सबसे अधिक खराब

    201 से 300 एक्‍यूआइ को खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 400 से अधिक को खतरनाक माना जाता है। बिहार के ज्‍यादातर शहरों का एक्‍यूआइ बेहद खराब या फिर खतरनाक श्रेणी में है। ऐसा वायु मंडल में बड़े धूलकणों की वजह से हो रहा है। निर्माण क्षेत्र में मानकों की अनदेखी, बालू और मिट्टी के उत्‍खनन और ढुलाई में मानकों की अनदेखी इसकी प्रमुख वजह है।