Bihar Regiment: बिहार रेजिमेंट ने देश को सौंपे 547 अग्निवीर, योग्यता और शौर्य दिखाने को तैयार
बिहार रेजिमेंट के उदय सिंह गौड़ ड्रिल मैदान में 547 अग्निवीरों का दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। अग्निपथ योजना के तहत चुने गए इन जवानों ने 31 सप्ताह का कठोर प्रशिक्षण पूरा किया और देश की रक्षा करने की शपथ ली। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को सम्मानित किया गया और उनके माता-पिता को गौरव पदक दिए गए। अब ये अग्निवीर अपनी यूनिटों में तैनात होने के लिए तैयार हैं।

संवाद सहयोगी, दानापुर (पटना)। बिहार रेजिमेंट के उदय सिंह गौड़ ड्रिल मैदान में गुरुवार को दीक्षा समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें 547 युवा और साहसी अग्निवीर देश को सौंपे गए। अग्निपथ योजना के तहत चुने गए जवानों का यह यह पांचवां बैच था। पासिंग आउट परेड में उनका समन्वय व अनुशासन देखते बन रहा था।
अग्निवीरों के चेहरों पर गर्व और आत्मविश्वास की स्पष्ट अभिव्यक्ति इस बात का स्पष्ट प्रमाण थी कि राष्ट्र सुरक्षित हाथों में है। इन जवानों ने 31 सप्ताह का कठोर प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। पासिंग आउट परेड के अंतिम पग के बाद अग्निवीरो ने राष्ट्रध्वज तिरंगे के समक्ष पवित्र ग्रंथ गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल पर हाथ रखकर हर कीमत पर राष्ट्र की रक्षा करने की शपथ ली।
अब बिहार रेजिमेंट के ये अग्निवीर अपनी योग्यता व शौर्य सिद्ध करने के लिए अपनी अपनी यूनिटों में तैनात होने को पूरी तरह तैयार हैं। बिहार रेजिमेंटल सेंटर के समादेष्टा ब्रिगेडियर केडी जसपाल ने परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने अग्निवीरों को बेहद कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद उच्च मानक हासिल करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि आपको देश सेवा का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने हर क्षेत्र में अपनी वीरता दिखाई है। हर चुनौती का पार करते हुए आगे बढ़ना है। समीक्षा अधिकारी ने नवोदित सैनिकों का आह्वान किया कि वे तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिज्ञा को हमेशा याद रखें और मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ें।
बेस्ट फायरिंग के लिए ध्रुव राजेश्वर दिलीप को सम्मान
प्रशिक्षण के दौरान बेस्ट फायरिंग के लिए अग्निवीर ध्रुव राजेश्वर दिलीप, बेस्ट पीटी के लिए अग्निवीर रामचंद्र जोजो, बेस्ट ड्रिल के लिए प्रेमकांत विश्वकर्मा और बेस्ट अग्निवीर बैच शुभम तिवारी को मेडल देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही ब्रिगेडियर के डी जसपाल ने अग्निवीरों के गौरवान्वित माता-पिता को भी गौरव पदक से सम्मानित किया।
परेड ग्राउंड में अपने बच्चों को पूरी ड्रेस में सुसज्जित देख उनकी खुशी देखते बन रही थी। परेड के दौरान भावातिरेक में कई अग्निवीरों के पिता या उनके भाई खड़े होकर सैल्यूट करते दिखे। अग्निवीर सूरज के पिता ने कहा कि सोचे नहीं थे कि मेरा बेटा देशसेवा में जाएगा। कई बार के प्रयास के बाद सफलता मिली।
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