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Bihar News: राज्य के सभी पुलों के ऐज बिल्ट ड्राइंग की होगी जांच, जानिए ये क्या होता है?

Bihar Newsऐज बिल्ड ड्राइंग के हटकर निर्माण करने वाली एजेंसी पर स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई तो होगी साथ ही साथ उन इंजीनियरों को भी लपेटा जा सकता है जो संबंधित पुल के निर्माण से जुड़े थे।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Sat, 10 Jun 2023 04:42 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 04:42 AM (IST)
Bihar News: राज्य के सभी पुलों के ऐज बिल्ट ड्राइंग की होगी जांच, जानिए ये क्या होता है?
बिहार के सभी पुलों के ऐज बिल्ट ड्राइंग की होगी जांच।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना: डिजायन की वजह से अगवानी घाट पुल के ध्वस्त होने के बाद अब बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा तैयार कराए गए सभी पुलों के ऐज बिल्ट ड्राइंग को बड़ी एजेंसी खंगालेगी। ऐसा इस वजह से होना है कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह सभी पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराएगी।

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बिहार में यह पहली बार होगा जब एक साथ वैसे सभी बड़े पुल जो बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देख-रेख में बनाए गए हैं, उनकी स्ट्रक्चरल ऑडिट होगी।

ऐज बिल्ड ड्राइंग को खंगालने के क्रम में संबंधित एजेंसी को निगम मुख्यालय आकर फाइलें देखनी होंगी। सभी ड्राइंग निगम कार्यालय में उपलब्ध हैं या नहीं इस पर संशय है।इस कवायद के माध्यम से निर्माण एजेंसियों द्वारा किस तरह से काम कराया गया उसकी स्पष्ट रिपोर्ट उपलब्ध हो सकेगी।

क्या है ऐज बिल्ड ड्राइंग

यह वह नक्शा होता है जिसमें विस्तार से यह बताया जाता है कि पुल किस तकनीक व तय ड्राइंग पर बनाया गया। पिलर से लेकर पीयर तक का ब्योरा होता है। सुपर स्ट्रक्चर किस लेबल में बनेगा यह बताया जाता है।

इसके बगैर किसी भी पुल का स्ट्रक्चरल ऑडिट संभव नहीं है, क्योंकि ऐज बिल्ड ड्राइंग के आधार पर आईआईटी, एनआईटी या फिर किसी अन्य एजेंसी किसी पुल की तकनीकी तौर पर पूरी पड़ताल करती है।

होगी कार्रवाई

ऐज बिल्ड ड्राइंग के हटकर निर्माण करने वाली एजेंसी पर स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई तो होगी साथ ही साथ उन इंजीनियरों को भी लपेटा जा सकता है जो संबंधित पुल के निर्माण से जुड़े थे।

जल्द ही तय होगी स्ट्रक्चरल ऑडिट करने वाली एजेंसी

सरकार के स्तर पर जल्द ही स्ट्रक्चरल ऑडिट तय करने वाली एजेंसी तय होगी। वैसे यह अभी तय नहीं हुआ कि विगत 15 वर्षों के दौरान बने मेगा ब्रिज की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराई जाएगी या फिर इसके पूर्व भी बने पुलों की ऑडिट होगी।

पूर्व में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी के लिए सूबे के सभी पुलों की इंवेट्री तैयार हो रही थी तब पुलों की वर्तमान स्थिति पर एक रिपोर्ट जरूर बनी थी।


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