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    Bihar Politics : बिहार में बागियों पर चलने लगा चाबुक, चेतावनी और चुप्पी के बाद राजग-महागठबंधन में बढ़ा दबाव

    Updated: Mon, 06 May 2024 01:10 PM (IST)

    Bihar Politics बिहार की सियासत में लोकसभा चुनाव के एलान के पहले से ही उथल-पुथल है। यह दौर चुनावों की तारीखें आने के बाद और बढ़ गया। ऐसे में राजग और महागठबंधन दोनों तरफ बागी नेताओं की कतार बन गई। इन बागियों को शीर्ष नेतृत्व की ओर से चेतावनी देने और चुप्पी साधे रहने के बीच कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।

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    Bihar Politics : बिहार में बागियों पर चलने लगा चाबुक, चेतावनी और चुप्पी के बाद राजग-महागठबंधन में बढ़ा दबाव

    रमण शुक्ला, पटना। भाजपा ने पार्टी छोड़ कर झंझारपुर (मधुबनी) से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व एमएलसी (विधान पार्षद) सुमन महासेठ को निलंबित कर अन्य दलों में भी बगावत करने वालों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा दिया है।

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    भाजपा की यह पहल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों के साथ-साथ विपक्षी आईएनडीआईए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के लिए एक चुनौती भी है। वहीं, जदयू ने भी ताबड़तोड़ कई नेताओं को पार्टी लाइन के विरुद्ध स्टैंड लेने के मामले में निष्कासित कर बागियों को कुचलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

    दो टूक चेतावनी और चुप्पी

    अहम यह है कि मंच से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बागियों को दो टूक चेतावनी दे चुके हैं। पर, विपक्ष में भी ऐसे बागियों की संख्या कम नहीं है। महागठबंधन में नेतृत्व के निर्णय के विरुद्ध बगावत करने वाले अधिसंख्य राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में ही हैं।

    इनमें पूर्णिया में पप्पू यादव के समर्थन में उतरे राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव के अलावा नवादा के दो राजद विधायक एवं एक विधान पार्षद तो राजद प्रत्याशी का मुखर विरोध कर नेतृत्व को अपनी हनक का अहसास करा चुके हैं। लेकिन, अभी तक राजद नेतृत्व चुप्पी साधे हुए हैं।

    नवादा में राजद के दो विधायक बागी हो गए थे। इनमें विभा देवी और प्रकाश वीर ने निर्दलीय प्रत्याशी विनोद यादव के लिए समर्थन जुटाने का हरसंभव प्रयास किया। यही नहीं, विनोद यादव के समर्थन में राजद विधान पार्षद अशोक यादव ने भी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन, राजद की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

    चुनाव बाद होगी कार्रवाई

    अब पार्टी के विरुद्ध काम करने वाले राजद के बागियों एवं भितरघात करने वालों के बारे में वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता चित्तरंजन गगन का कहना है कि नेतृत्व की नजर हर जगह है। चुनाव बाद कार्रवाई होगी।

    उधर, कांग्रेस में भी पार्टी लाइन के खिलाफ पश्चिम चंपारण में निर्दलीय ताल ठोकने वाले बागियों एवं दल में रहते हुए भितरघात करने वालों की सूची लंबी होती जा रही है। वाल्मीकिनगर में कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी प्रवेश मिश्रा ने पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

    पिछले लोकसभा चुनाव में प्रवेश मिश्रा कांग्रेस से प्रत्याशी थे और वे महज 20 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। अबकी बार वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से राजद ने दीपक यादव को उम्मीदवार बनाया है। प्रवेश की चेतावनी से साफ है कि वह आइएनडीआइए की परेशानी का सबब बनेंगे।

    अभी छठे चरण के लिए सोमवार पर्चा भरने की आखिरी तिथि है। ऐसे में कुछ और बागियों के आगे आने की संभावना है। वहीं, सातवें चरण में ताल ठोकने को लेकर बागी मचल रहे हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस कैसे बागियों एवं भितरघातियों से निपटती है।

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