Bihar News: उज्ज्वला योजना का लाभ उठाने वाले 4,540 लोगों की बढ़ी टेंशन, पटना DM ने कार्रवाई करने का दिया आदेश
Bihar News In Hindi उज्ज्वला योजना का लाभ उठाने वाले कई लोगों की टेंशन बढ़ गई है। बिहार के पटना में उज्ज्वला योजना के 4540 लाभार्थी गैस सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे हैं। ऐसे में जिलाधिकारी ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पहले नोटिस जारी किया जाएगा और उसके बाद भी गैस नहीं भरवाने पर उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत पटना में ऐसे 4,540 लाभार्थी हैं जो गैस सिलेंडर की रीफिलिंग नहीं करा रहे हैंं। ऐसे उपभोक्ताओं को नोटिस दी जाएगी।
इसके बाद भी गैस नहीं भरवाने पर उनका पंजीयन रद किया जाएगा। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत अधिप्राप्ति, आपूर्ति एवं उज्ज्वला योजना की समीक्षा जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने की। समीक्षा में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के द्वारा गैस रिफिल नहीं कराने की बात सामने आई।
जिलाधिकारी ने आइओएल के क्षेत्रीय प्रबंधक सह सेल्स मैनेजर को निर्देश दिया कि उज्ज्वला योजना अंतर्गत ऐसे सभी उपभोक्ताओं को नोटिस निर्गत कर उसका तामिला कराएं।
यदि उसके बाद भी वे गैस सिलेंडर रिफिलिंग नहीं कराते हैं तो उनका पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई करेंगे। हालांकि, बिना तामिला के उनका पंजीयन रद नहीं करने का निर्देश भी दिया है।
सीएमआर आपूर्ति में सुस्ती बर्दाश्त नहीं
- बैठक में लक्ष्य के विरुद्ध जिला में सीएमआर प्राप्ति की स्थिति, अनुमंडलवार एवं प्रखंडवार एसएफसी को सीएमआर प्राप्त कराए जाने की स्थिति, किसानों को भुगतान की स्थिति, सीएमआर प्राप्ति के विरूद्ध भुगतान की स्थिति, मिलवार साप्ताहिक सीएमआर प्राप्ति की स्थिति एवं अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की गई।
- जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा के अंदर शत-प्रतिशत धान अधिप्राप्ति की गई है। अब सीएमआर की समय से प्राप्ति एवं प्राप्ति के विरूद्ध ससमय भुगतान सुनिश्चित करना है।
- उन्होंने कहा कि सीएमआर आपूर्ति में लापरवाही बरतने वाले राइस मिलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- अनुमंडल पदाधिकारियों को सीएमआर आपूर्ति में शिथिलता बरतने वाले राइस मिलरों से स्पष्टीकरण कर कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया गया।
अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए एनपीएस में अंशदान व्यावसायिक बैंकों के बराबर
वित्त मंत्रालय ने अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए भी एनपीएस फंड में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के बराबर यानी 14 प्रतिशत अंशदान करने करने का आदेश दिया है।
यह आदेश 11 नवंबर, 2020 से प्रभावी होना है। अब ग्रामीण बैंककर्मियों के लिए बराबर लाभ की संभावना बनेगी, लेकिन उससे पहले के नुकसान को लेकर क्षोभ भी है।
यूनाइटेड फोरम आफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के राष्ट्रीय संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि बैंकों में 01 अप्रैल, 2010 से एनपीएस लागू है। वित्त मंत्रालय का निर्देश काफी देरी से हुआ है।
इस कारण एनपीएस के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण बैंककर्मियों को 52 माह के आवर्ती ब्याज की हानि हो रही है। व्याज की हानी हुई है।
ऐसे में यूनियन्स ने केंद्र सरकार से नौ प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ एनपीएस के बकाए अंशदान की मांग की है।
ज्ञातव्य है कि वित्त मंत्रालय के आप्तसचिव रत्नाकर झा द्वारा पहली मार्च को 14फीसद अंशदान देने का पत्र जारी किया गया है।
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