बिहार की महिला सशक्तिकरण की नई कहानी; तीन महिलाएं, तीन सपने, एक योजना ने बदली ज़िंदगी
बिहार में महिला रोजगार योजना ने उमा रानी रोजी बेगम और पूनम कंवर जैसी महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 25 लाख महिलाओं के खाते में ₹2500 करोड़ ट्रांसफर किए हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सम्मान दे रही है। पहले 75 लाख महिलाओं को भी ₹10000 की राशि दी गई थी।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में महिला रोजगार योजना ने तीन महिलाओं उमा रानी, रोजी बेगम और पूनम कंवर की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चलाई जा रही इस योजना ने आज 25 लाख महिलाओं के खाते में ₹2,500 करोड़ की राशि ट्रांसफर की है।
अरवल की उमा रानी नर्सरी और कृषि व्यवसाय से न केवल अपनी बेटी के भविष्य को संवार रही हैं बल्कि आसपास की महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने का काम कर रही हैं। किशनगंज की रोजी बेगम लंबे समय से मजदूरी कर परिवार चला रही थीं, अब प्लास्टिक से बने सामान की दुकान खोलने का सपना देख रही हैं। रोहतास की पूनम कंवर की कहानी संघर्ष और आत्मनिर्भरता की मिसाल है - पति की मौत के बाद सिलाई से शुरू किया काम अब ब्यूटी पार्लर तक पहुंचा है।
यह योजना महिलाओं को आर्थिक आज़ादी के साथ सामाजिक सम्मान भी दे रही है। 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 75 लाख महिलाओं को ₹10,000 की राशि हस्तांतरित की थी। बिहार की महिलाएं अब स्वावलंबन की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
नीतीश कुमार के प्रयासों से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। यह योजना न सिर्फ आर्थिक मदद है बल्कि बिहार की हर महिला को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
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