जदयू को बड़ा झटका... तीन बार की विधायक ने छोड़ी पार्टी, प्रशांत किशोर का थामा हाथ
बिहार की राजनीति में हलचल है क्योंकि जदयू विधायक मीना द्विवेदी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और जन सुराज पार्टी में शामिल हो गईं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को इस्तीफा भेजकर पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उनके इस कदम से जदयू को बिहार विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की राजनीति में एक बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है, जब पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज विधानसभा से तीन बार जदयू विधायक रहीं मीना द्विवेदी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनके इस फैसले को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में।
बता दें कि पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज विधानसभा से तीन बार जदयू विधायक रहीं मीना द्विवेदी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज पार्टी में शामिल हो गई हैं। बुधवार को उन्होंने जदयू के कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ प्रशांत किशोर से मुलाकात की और पार्टी को समर्थन दिया।
मीना द्विवेदी ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपना इस्तीफा भेजा है, जिसमें उन्होंने पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा और अपने समर्थकों की अनदेखी का हवाला दिया है। उनका कहना है कि उन्हें और उनके समर्थकों को पार्टी से कोई प्रेरणा या ऊर्जा नहीं मिल रही थी, जिससे वे आम जनता के हित में काम कर सकें।
मीना द्विवेदी का परिवार चंपारण की राजनीति में दशकों से सक्रिय रहा है। उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे एक चर्चित बाहुबली थे, जो 1995 में समता पार्टी से विधायक बने। उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे भी 1998 में विधायक चुने गए थे। मीना द्विवेदी खुद 2005 के फरवरी और नवंबर तथा 2010 में जदयू से विधायक बनीं थी।
मीना द्विवेदी के इस कदम को एनडीए गठबंधन, विशेष रूप से जदयू के लिए सियासी नुकसान के रूप में देखा जा रहा है। गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र में उनका मजबूत जनाधार है, और उनके जाने से इस सीट पर जदयू की स्थिति कमजोर हो सकती है। यह घटनाक्रम बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार की पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है, और राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
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