Bihar : फर्जी पते पर एलपीजी टैंकर ट्रकों के पंजीकरण मामले में परिवहन विभाग से जवाब तलब
बिहार में एलपीजी टैंकर ट्रकों के फर्जी पते पर पंजीकरण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य परिवहन विभाग से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने बिहार एलपीजी बल्क ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया

पटना हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से किया जवाब तलब(सांकेतिक तस्वीर)
विधि संवाददाता, जागरण, पटना। पटना हाईकोर्ट ने बिहार में एलपीजी टैंकर ट्रकों के फर्जी पते पर पंजीकरण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य परिवहन विभाग से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने बिहार एलपीजी बल्क ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि पेट्रोलियम कंपनियों की निविदा शर्तों का दुरुपयोग कर राज्य से बाहर खरीदे गए टैंकर ट्रकों को फर्जी पते पर बिहार में पंजीकृत कराया जा रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट को बताया कि निविदा में राज्य पंजीकृत टैंकरों को प्राथमिकता देने की शर्त का लाभ उठाने के लिए कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर अन्य राज्यों से सस्ते टैंकर खरीदकर उन्हें बिहार में फर्जी पते पर पंजीकृत करा रहे हैं। इससे न केवल राज्य के स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स को नुकसान हो रहा है, बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व हानि हो रही है।
कोर्ट को बताया गया कि भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल द्वारा जारी निविदाओं में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि बिहार पंजीकृत टैंकरों को वरीयता दी जाएगी। किंतु कुछ कंपनियां मध्यस्थों के जरिए झूठे शपथ-पत्रों के सहारे टैंकरों का पंजीकरण करवा रही हैं। याचिका में ऐसे कई टैंकरों की सूची संलग्न की गई है जो बिहार में पंजीकृत हैं, परंतु उनका असली स्वामित्व और पंजीकरण अन्य राज्यों का है।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने गंभीरता को स्वीकारते हुए मामले की जांच के लिए दस सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव स्वयं शपथ-पत्र दाखिल कर याचिका में लगाए गए प्रत्येक बिंदु का उत्तर दें। यदि पाया गया कि संबंधित वाहन फर्जी पते पर पंजीकृत हैं, तो दोषी अधिकारियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
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