Bihar: लहेरियासराय और सहरसा के बीच बनेगी 98 KM लंबी नई रेललाइन, 20 रेलवे स्टेशन व हाल्ट भी बनेंगे; खर्च होंगे 3 हजार करोड़
बिहार के मिथिलांचल और कोसी के बीच नई रेल लाइन बनने वाली है। लहेरियासराय-सहरसा के बीच 98.250 किमी की नई रेल लाइन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की गई है। एजेंसी ने इसकी रिपोर्ट रेलवे निर्माण विभाग को सौंप दी है। इसमें 20 रेलवे स्टेशन और हाल्ट का निर्माण कराया जाना है। इसके अलावा तीन आरओबी 85 अंडरपास 12 बड़े और 78 छोटे पुल का निर्माण होगा।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समस्तीपुर रेल मंडल अंतर्गत मिथिलांचल और कोसी के बीच एक नई रेल लाइन की सौगात मिलेगी। लहेरियासराय-सहरसा के बीच 98.250 किमी की नई रेल लाइन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की गई है। एजेंसी ने इसकी रिपोर्ट रेलवे निर्माण विभाग को सौंप दी है। इसमें 20 रेलवे स्टेशन और हाल्ट का निर्माण कराया जाना है।
इसके अलावा तीन आरओबी, 85 अंडरपास, 12 बड़े और 78 छोटे पुल का निर्माण होगा। निर्माण में अनुमानित राशि तीन हजार 58 करोड़ रुपये तय किया गया है। विभाग ने हाल ही में डीपीआर रिपोर्ट तैयार कर स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
जमीन अधिग्रहण के लिए निविदा जल्द
स्वीकृति के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करते हुए निविदा निकाली जाएगी। नई रेल लाइन का निर्माण पूर्ण होने के बाद लहेरियासराय स्टेशन से सहरसा की दूरी समस्तीपुर की तुलना में 71 किमी से घटकर झंझारपुर की तुलना में 48 किमी कम हो जाएगी।
तीन घंटे में यात्रा पूरी होगी यात्रा
जयनगर-मनिहारी-जयनगर के लिए परिचालित होने वाली जानकी एक्सप्रेस सहरसा से मानसी, रोसड़ा, समस्तीपुर होकर लहेरियासराय जाती है। इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन 169 किमी का होता है, जबकि, दूसरी रेल लाइन सहरसा से सुपौल, सरायगढ़, झंझारपुर, दरभंगा होकर लहेरियासराय जाती है।
इस रेलखंड से परिचालन में 146 किमी की दूरी होती है। नई लाइन के बनने से रेल का सफर मात्र 98.250 किमी हो जाएगा। इस लाइन से सबसे कम समय में मात्र तीन घंटे में यात्रा पूरी होगी।
रेलवे निर्माण विभाग ने कंसल्टेंट एजेंसी से फाइनल लोकेशन सर्वे कराया। लोकेशन सर्वे और डीपीआर रिपोर्ट तैयार करने के लिए 2 करोड़ 30 लाख 53 हजार 924 रुपये खर्च हुआ है।
रेल अधिकारी ने क्या कहा ?
लहेरियासराय-सहरसा के बीच नई रेल लाइन निर्माण के लिए एजेंसी से लोकेशन सर्वे कराया गया है। रिपोर्ट रेलवे निर्माण विभाग को दी गई है। विभागीय स्तर पर इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। -विनय श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर
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