(बिहार) :: जमीन पर मालिकाना हक को परेशान महादलित
जागरण ब्यूरो, पटना
अनेक भूमिहीन महादलित परिवारों को केवल जमीन के पर्चे से संतोष करना पड़ रहा है। इन्हें जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल रहा है। ऐसे कई मामले राज्य सूचना आयोग के संज्ञान में आए हैं, जिनमें संबंधित जिलाधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं। ताजा मामला दरभंगा और गोपालगंज से जुड़ा है। गोपालगंज में तो इस मसले को लेकर डीसीएलआर और सीओ में खींचतान चल रही है।
दरभंगा में 27 भूमिहीन महादलित परिवारों को 2005-06 में हायाघाट अंचल स्थित नरसारा पंचायत में जमीन का पर्चा दिया गया। परन्तु जमीन का अभी तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। पूर्व विधायक उमाधर सिंह ने जब यह मामला आरटीआइ एक्ट के तहत आयोग के समक्ष लाया, तो दरभंगा के जिलाधिकारी ने अपने वकील के माध्यम से सूचना आयुक्त फरजंद अहमद को बताया कि पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाया जा चुका है। लेकिन, पर्चाधारियों ने सामूहिक रूप से आयोग को बताया कि उन्हें केवल पर्चा ही मिला है। श्री अहमद ने दरभंगा जिलाधिकारी को खुद से स्थल निरीक्षण कर जांच करने कहा है। उन्होंने कहा है कि सभी पर्चाधारियों से खुद से बात करें। जांच पूरी कर दो माह में आयोग को सौंपें। जांच में आवेदक श्री सिंह को भी शामिल कर उनके हस्ताक्षर जांच रिपोर्ट पर लिए जाएं।
गोपालगंज के कुचायकोट में तो स्थिति और भी विचित्र है। तीन साल पहले वहां करीब 50 महादलित परिवारों की झोपड़ियों में आग लग गई। आग में इनके जमीन के पर्चे भी जल गए। पीड़ित लोगों ने कोचायकोट के अंचलाधिकारी (सीओ) से पर्चे की नकल निर्गत करने का आग्रह किया। लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। राज्य सूचना आयोग के समक्ष मामला आया तब सीओ ने बताया कि इस सिलसिले में गोपालगंज के उपसमाहर्ता, भूमि सुधार (डीसीएलआर) से मार्गदर्शन मांगा है। अब ये दोनों अधिकारी आयोग के समक्ष एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।
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