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    'चार यारों की यार' में दिखा नारी की पीड़ा

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    Updated: Tue, 05 Jun 2012 01:39 AM (IST)

    नगर प्रतिनिधि, पटना : कालिदास रंगालय में सोमवार को 'चार यारों की यार' का मंचन हुआ। नाटक में नारी की पीड़ा को उठाया गया है। 'चार यारों की यार' का मंचन मयूर फाउंडेशन तथा केटेलिस्ट प्लस द्वारा किया गया। नाटक का निर्देशन अशोक श्रीवास्तव, लेखन सुशील कुमार सिंह ने किया। यह नाटक एक ऐसे ज्वलंत समाजिक मुद्दे को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है, जिसके कारण समाज की निरीह और बेकसूर स्त्रियां प्रताड़ित होती आई है। इसके मूल में रूढि़गत परंपरा और पुरुषवादी विचारधारा की जड़ता ही इसका कारण है। इस बदलती दुनिया और नई सोच की मांग है कि अब यह रूढि़गत परंपरा और पुरुषवादी विचार को उखाड़ फेका जाए। स्त्रियों पर समाजिक और घरेलू अत्याचार बंद किया जाये और पुरुषवादी विचार में बदलाव लाया जाए। यह नाटक ऐसी ही एक नारी की ज्वलंत कहानी बयां करता है, जो अपने अधिकारों की लड़ाई अकेली लड़ती नजर आती है। जिस साहस और बहादुरी से वह पुरुषों के घृणित कारनामों का पर्दाफाश करती है। वह झकझोर कर रख देती है। नाटक में वीणा गुप्ता, आजाद शक्ति, संजीव सम्राट, रमण कपूर, पवन कुमार, अशोक कुमार चंचल आदि अपनी भूमिका से नाटक को जीवंत कर दिया है। इसके सहयोगी निदेशक संजय कुमार हैं।

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