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    ऐसी परवाज दे मालिक की गगन नाज करे.

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    Updated: Fri, 23 Mar 2012 01:01 AM (IST)

    पटना :

    बिहार शताब्दी वर्ष का रंग बिहार दिवस के पहले दिन गुरुवार को गांधी मैदान में कुछ यूं चढ़ा कि लोगों ने सहज ही यह गुनगुनाया-मेरी रफ्तार पर सूरज की किरण नाज करे, ऐसी परवाज दे मालिक की गगन नाज करे.। बिहार प्रार्थना और राज्य गीत की यह पहली सार्वजनिक प्रस्तुति थी। सौ कलाकारों को साथ ले की गयी कोरिओग्राफी पर सचमुच लोगों ने नाज किया। बंगलोर की एक कंपनी द्वारा बिहार के इतिहास पर बने लेजर शो ने अलग से समां बांधा, बिहार गौरव गान को नये अंदाज में पेश किया गया और फिर पहुंचे मशहूर प्लेबैक सिंगर उदित नारायण अपने हिट नंबर पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा के साथ। गीत-संगीत में डूबे गांधी मैदान में जय बिहार भी खूब गूंजा।

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    मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद शुरू हुआ गांधी मैदान के विशाल स्टेज से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला। लगभग पैंतालीस मिनटों तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दर्शक बने रहे। सत्यनारायण रचित राज्य गीत और उसके बाद एमआर चिश्ती रचित बिहार प्रार्थना की यह पहली सार्वजनिक प्रस्तुति थी। इसकी कोरिओग्राफी एक सौ कलाकारों को साथ लेकर की गयी थी। सफेद वस्त्रों के साथ-मेरे भारत के कंठहार, तूझको शत शत वंदन बिहार को कलाकारों ने भाव नृत्य के साथ पेश किया। इस प्रस्तुति के साथ ही जुड़ी थी राज्य प्रार्थना। राज्य प्रार्थना के बोल हैं- मेरी रफ्तार पर सूरज की किरण नाज करे, ऐसी परवाज दे मालिक की गगन नाज करे। इसे साधना के अंदाज में तैयार किया गया है।

    राज्य गीत और राज्य प्रार्थना के बाद पटना के लिए बिहार शताब्दी वर्ष के मौके पर एक अनोखी प्रस्तुति थी लेजर शो। प्राचीन भारत के टूरिज्म टेक्नोलाजी, बंगलोर ने इसे तैयार किया है। बिहार के इतिहास पर बने इस लेजर शो की खासियत यह है कि इसमें रामायण और महाभारत काल से लेकर बिंबिसार, चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, मध्य काल और आधुनिक काल से लेकर अभी साइकिल पर स्कूल जाती बेटियों तक के जिक्र हैं। बिहार की विभूतियों और गौरव गाथा की कमेंट्री भी बड़े बेहतर अंदाज में है। नालंदा, तरेगना, महावीर, गौतम बुद्ध, गुरुगोविंद सिंह और फिर सूफी परंपरा का भी उल्लेख आया है।

    लेजर शो के तुरंत बाद बिहार गौरव गान को नयी कोरिओग्राफी के साथ पेश किया गया। वीर कुंवर सिंह के हाथ काट कर गंगा में फेंकने वाले प्रसंग को इसमें जोड़ा गया है।

    बिहार गौरव गान के बाद मंच उदित नारायण के नाम कर दिया गया। उदित नारायण के आने में कुछ देरी होने की वजह से उनसे पहले उनके समूह के पी गणेश मंच पर आये और चर्चित गीत- नीले-नीले अंबर पर चांद जब आये, प्यार बरसाये, हमको तरसाये, ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो प्यास दिल की बुझा जाये से लोगों को बांधना शुरू किया। फिर आयीं सारेगामा फेम रक्तिमा और उन्होंने सुनाया-बिन तेरे सनम, मर मिटेंगे हम.। अब बारी थी उदित नारायण की। मंच पर उनकी इंट्री ही उनके पहले हिट नंबर-पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा से हुई। पापा कहते हैं के बाद उन्होंने जय बिहार गीत गाया। इस गीत के बोल हैं-सदियों का जहां इतिहास, संस्कृति का जहां विकास है, वो अपना बिहार है, हम सबका बिहार है। उदित नारायण ने तेरे नाम हमने किया है, जीवन अपना सारा सनम भी सुनाया।

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