Updated: Sat, 19 Jul 2025 04:15 PM (IST)
बाढ़ में एक कुत्ते के काटने के बाद एक मां अपने बच्चे को रैबीज का टीका लगवाने के लिए 8 घंटे तक भटकती रही। अनुमंडल अस्पताल से लेकर एम्स तक उसे निराशा मिली। दैनिक जागरण से संपर्क करने के बाद उसे गार्डिनर रोड अस्पताल में टीका मिला। सिविल सर्जन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
जागरण संवाददाता, पटना। बेहतर इलाज के तमाम दावे हकीकत की कसौटी पर कितने खरे हैं इसके लिए बाढ़ की महिला का उदाहरण ही काफी है।
उसके इकलौते बेटे को बाढ़ थाने के समीप पैर में कुत्ते ने चार जगह नोंच लिया। उसे रैबीज का टीका लगाने के लिए वह बाढ़ से लेकर पटना तक आठ घंटे से ज्यादा भटकती रही।
स्थानीय अस्पताल की कौन कहे एम्स जैसे बड़े संस्थान से भी उसे निराश होना पड़ा। अंत में रात साढ़े आठ के आसपास इनकम टैक्स चौराहा स्थित गार्डिनर रोड अस्पताल में उसे टीका उपलब्ध हुआ।
बाढ़ थाना के पास एक नौ वर्षीय बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया। शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे एंटी रैबिज वैक्सीन के लिए वह अनुमंडल अस्पताल पहुंची। वहां बच्चे को देखने के बाद डॉक्टर ने एंटी रैबीज एआरवी वैक्सीन लेने की सलाह दी।
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बच्चे की मां सुरुचि कुमारी ने बताया कि डॉक्टर की सलाह के बाद जब वह नर्सिंग कर्मी से वैक्सीन लेने पहुंची तो उसे बताया गया कि अस्पताल में वैक्सीन खत्म हो गई है। एम्स चले जाओ। इसके बाद वह किसी तरह करीब चार बजे एम्स पहुंची। जहां शनिवार को वैक्सीन दिए जाने की बात कही गई।
बच्चे की मां वहां सात बजे तक वैक्सीन के लिए भटकती रही। इसके बाद महिला ने दैनिक जागरण से संपर्क किया। जिसके बाद उसे आयकर गोलंबर स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल जाने को कहा गया। यहां 24 घंटे एआरवी की वैक्सीन दी जाती है। आखिरकार वह दौड़ते-भटकते अपने बेटे के साथ गार्डिनर रोड अस्पताल पहुंची।
वहां पहुंचने पर रात करीब नौ बजे उसे वैक्सीन दी गयी। मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि पीएचसी में वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, आखिर क्यों नहीं दी गयी। इसकी जांच कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला के सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एआरवी वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
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