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    68th BPSC Final Topper: मिलिए बीपीएससी के तीन टॉपर्स से- प्रियांगी, अनुभव और प्रेरणा की सक्‍सेस स्‍टोरी में दो बातें हैं कॉमन

    बिहार लोक सेवा आयोग की 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा परिणाम में शीर्ष तीन स्थान लाने वालों में दो बेटियां हैं। तीनों में दो बातें समान हैं- सभी स्वाध्याय और प्रथम प्रयास में ही सफल हुए हैं। तीनों ने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए नियमित स्वाध्याय आवश्यक है। तभी प्रथम प्रयास में ही सफलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है।

    By dheeraj kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 16 Jan 2024 12:43 AM (IST)
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    68वीं बीपीएससी संयुक्‍त परीक्षा के सेकेंड टॉपर अनुभव।

    जागरण टीम, पटना/जहानाबाद/हाजीपुर। बिहार लोक सेवा आयोग की 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा परिणाम में शीर्ष तीन स्थान लाने वालों में दो बेटियां हैं।

    तीनों में दो बातें समान हैं- सभी स्वाध्याय और प्रथम प्रयास में ही सफल हुए हैं। तीनों ने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए नियमित स्वाध्याय आवश्यक है। तभी प्रथम प्रयास में ही सफलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है।

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    प्रथम टॉपर:  प्रियांगी मेहता

    बाजार समिति स्थित संदलपुर निवासी कंप्यूटर सर्विस सेंटर संचालक मिथिलेश गुप्ता की बड़ी पुत्री प्रियांगी मेहता ने बिहार लोक सेवा आयोग की 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। सोमवार को घोषित परीक्षा परिणाम में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने से उत्साहित प्रियांगी ने कहा कि यह स्वाध्याय एवं मां पिता के सहयोग व आशीर्वाद से संभव हो सका है। प्रियांगी का चयन राजस्व पदाधिकारी पद के लिए हुआ है।

    पटना स्थित सत्यम इंटरनेशनल स्कूल से मैट्रिक बोर्ड परीक्षा तथा अरविंद महिला कालेज से इंटरमीडिएट करने के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्रियांगी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातक किया। इनका कहना है कि सफलता पाने के लिए एकाग्रता बेहद जरूरी है।

    समय का सदुपयोग करते हुए स्वाध्याय कर कामयाब होना संभव है। उन्होंने बताया कि दूसरे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा वर्ष 2023 उत्तीर्ण की है। इसके साक्षात्कार की तैयारी कर रही हूं। वर्ष 2022 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सकी थी।

    यूपीएससी की तैयारी भी प्रियांगी ने स्वाध्याय से ही की है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य आइएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। इनकी सफलता से पिता, मां अर्चना देवी, बी काम कर रही छोटी बहन अदिति मेहता एवं नीट की तैयारी कर रही बहन आस्था मेहता ने खुशी जताई। पिता ने कहा कि मेरी तीन बेटियां ही हैं और तीनों पढ़ाई में अव्वल हैं।

    प्रथम प्रयास में सेकेंड टॉपर बने शिक्षक पुत्र अनुभव

    जहानाबाद अरवल जिले के करपी प्रखंड के अईयारा गांव निवासी अनुभव कुमार ने अपनी प्रतिभा से सभी को गौरवान्वित कर दिया। अनुभव पहले ही प्रयास में बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल रहे।

    बड़ी बात यह रही कि तैयारी के लिए वे दूसरे शहर नहीं गए। दिल्ली से स्नातक करने के बाद घर पर ही रहकर बीपीएससी की तैयारी करते थे। उनके पिता रंजीत कुमार जहानाबाद जिले के काको उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं।

    अभिनव ने बताया कि बीपीएससी में सिविल इंजीनियरिंग मेरा विषय था। हालांकि, अभिनव की उड़ान अभी रुकी नहीं है। उनका कहना है कि यूपीएससी की तैयारी लगातार करता रहूंगा। अभिनव अपनी सफलता का श्रेय शिक्षक पिता एवं गृहिणी माता माधुरी देवी को देते हैं।

    प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अन्य छात्र-छात्राओं के लिए अभिनव का कहना है कि स्वाध्याय को अपना मूल मंत्र बनाएं। लगातार परिश्रम करते रहें, असफलता से तनिक भी विचलित न हों। पुत्र की सफलता पर पिता ने कहा कि कभी भी उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी। अपनी आवश्यकताओं में कटौती की। उसने सिद्ध कर दिखाया।

    प्रथम प्रयास में ही प्रेरणा ने लाया तीसरा स्थान

    हाजीपुर। वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड की चकमेगर निवासी प्रेरणा सिंह के बीपीएससी में तीसरा स्थान लाने पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। प्रेरणा के माता-पिता झारखंड हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा झारखंड के धनबाद के हीरापुर में ग्रहण की है। वर्धमान विश्वविद्यालय से स्नातक किया है।

    प्रेरणा ने पहले ही प्रयास में यह सफलता अर्जित की है। उसने धनबाद में रहकर परीक्षा की तैयारी की। प्रेरणा ने फोन पर बताया कि मां-पिता ने उनकी पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं होने दी। हर आवश्यकता पूरी की। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित स्वाध्याय बेहद आवश्यक है। पिता ने कहा कि प्रेरणा बचपन से ही मेधावी रही है।

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