सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच आधे घंटे में छह विधेयक पास, अब शहरी इलाके में भी होगा विशेष भूमि सर्वेक्षण
राज्य में रैयती एवं अन्य प्रकार की भूमि का नया अधिकार अभिलेख (खतियान) एवं भू-मानचित्र (नक्शा) बनाया जा रहा है। इस संशोधन विधेयक में नगर क्षेत्रों के राजस्व ग्रामों के भू-सर्वेक्षण कार्यों में सुविधा होगी और नगर क्षेत्रों की जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। अब शहरी इलाके में भी विशेष भूमि सर्वेक्षण होगा

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा में मंगलवार को दूसरी पाली में विपक्ष के हंगामे के बीच आधे घंटे में छह विधेयक बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित हो गया। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) विधेयक,2025 को सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि इसके तहत गांवों की तर्ज पर अब शहरी इलाके में भी विशेष भूमि सर्वेक्षण हो सकेगा। राज्य में रैयती एवं अन्य प्रकार की भूमि का नया अधिकार अभिलेख (खतियान) एवं भू-मानचित्र (नक्शा) बनाया जा रहा है। इस संशोधन विधेयक में नगर क्षेत्रों के राजस्व ग्रामों के भू-सर्वेक्षण कार्यों में सुविधा होगी और नगर क्षेत्रों की जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने बताया कि राजस्व ग्रामों के लिए अलग-अलग खानापूरी दलों का गठन किया जाएगा। अधिकार अभिलेख के संबंध में दावे एवं आपत्तियां एवं उनके अंतिम प्रकाशन के तीन माह के अंदर भूमि सुधार उप समाहर्ता के स्तर के एक या एक से अधिक पदाधिकारी के समक्ष दायर किया जा सकेगा। अधिकार अभिलेख के अंतिम प्रकाशन के बाद पारित आदेश के खिलाफ तीन माह के अंदर अपील किया जा सकेगा। एक या एक से अधिक भूमि सुधार उपसमाहर्ता स्तर के पदाधिकारी को राज्य सरकार द्वारा अपील की सुनवाई के लिए अधिसूचित किया जाएगा।
खेती योग्य जमीन को गैर खेती के उपयोग के लिए मुआवजा दर तय करेंगे एसडीओ
सदन में मंत्री संजय सरावगी ने बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन संशोधन) विधेयक 2025 एवं बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए समपरिर्वतन) (संशोधन) विधेयक, 2025 को पेश किया। बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन संशोधन) विधेयक के तहत राज्य में कृषि भूमि का गैर कृषि प्रयोजन में उपयोग के लिए निर्धारित होने वाले मुआवजा का दर अब नियमावली से तय हो सकेगा। खेती योग्य जमीन को गैर खेती के उपयोग के लिए अनुमंडल पदाधिकारी या इनके समकक्ष पदाधिकारी मुआवजा दर तय कर सकेंगे। अपर समाहर्ता को अपीलीय प्राधिकार और समाहर्ता को पुनरीक्षण प्राधिकार घोषित किया जाएगा। वहीं, बिहार भूमिगत पाइप लाइन (भूमि में उपयोगकर्ता के अधिकार का अर्जन) संशोधन विधेयक 2025 में जमीन के अंदर पानी का पाइप ले जाने का प्रावधान किया गया है।
ये विधेयक भी पारित
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जो ध्वनिमत से पारित हो गया। विधि मंत्री मंगल पांडेय ने बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया। इसके तहत सीतामढ़ी में मां सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम के विकास, प्रभावी संचालन एवं प्रबंधन संभालने को लेकर नये सिरे से न्यास समिति का गठन किया गया है।
राज्य सरकार ने बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास (संशोधन), अध्यादेश, 2025 को 21 मई 2025 से लागू किया था। वहीं, इस अध्यादेश को कानूनी रूप देने के लिए विधेयक को पारित कर दिया गया। नगर विकास व आवास मंत्री जीवेश मिश्रा ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया। इसके अनुसार नगरपालिका की बैठक में बाहरी लोगों के भी प्रवेश की अनुमति मिलेगी। नगरपालिका की प्रत्येक बैठक में पार्षदों और मुख्य नगरपालिका अधिकारी या उनके द्वारा नामित कोई अन्य अधिकारी भाग लेंगे। अब प्रत्येक बैठक की कार्यवाही मुख्य पार्षद या बैठक की अध्यक्षता करने वाले पार्षद द्वारा बैठक के आयोजन की तिथि से पंद्रह दिनों के भीतर विहित रूप से हस्तांतरित कर अनिवार्य रूप से जारी किया जाएगा।
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