Gopal Khemka Murder: शूटर तक पहुंचने के लिए पुलिस ने खंगाले 57 कैमरे, सर्विलांस पर थे कई संदिग्ध नंबर
एसआईटी और एसटीएफ टीम ने गोपाल खेमका हत्याकांड को सुलझाने के लिए 57 से अधिक कैमरों के फुटेज खंगाले। सर्विलांस और संदिग्ध नंबरों से पुलिस को अहम सुराग मिले जिसके बाद शूटर और मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने पटना सिटी में डेरा डालकर कई संदिग्धों से पूछताछ की और आगे भी कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

जागरण संवाददाता, पटना। एसआइटी और एसटीएफ की टीम को चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध नंबर से अहम सुराग मिला। 72 घंटे में पुलिस न सिर्फ शूटर को दबोचने में कामयाब हुई, बल्कि मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार कर लिया।
शूटर किस दिशा से आया था और कहां गया था, इसके लिए पुलिस को 57 से अधिक कैमरों के फुटेज पर नजरें जमानी पड़ीं। छह जगह सीसीटीवी फुटेज से हुलिया मिलान हुआ और सर्विलांस से भी पुलिस को काफी मदद मिली। इस केस को सुलझाने में एसटीएफ की चार टीमे, एसआइटी, टेक्निकल टीम सहित 55 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे।
जमीन विवाद, बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल नंबर डिटेल, करीबी और कारोबार से जुड़े, पूर्व विवाद से लेकर उन सभी बिन्दुओं पर जांच की गई, जिन पर पुलिस को संदेह हुआ। पटना, हाजीपुर, सोनपुर, आरा से लेकर कई अन्य जगहों पर दबिश दी गई। तीन दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई।
यहां तक की हत्या मामले में हाल के दिनों से जेल से छूटने वाले आरोपितों के ठिकाने पर पहुंचकर उनसे भी पूछताछ की गई। पुलिस का दावा है कि इस मामले में अभी कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होनी है। उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
फुटेज और तकनीकी अनुसंधान के बाद पटना सिटी में डेरा रविवार की देर रात पुलिस को सर्विलांस की मदद से और फुटेज में दिखी शूटर की बाइक से एसटीएफ व एसआइटी की जांच पटना सिटी की तरफ घूम गई। चौक, मालसलामी से लेकर बाईपास तक में पुलिस सादे लिबास में निजी दुकानों से लेकर पुलिस कैमरों को खंगालती रही।
तीनों थाना क्षेत्र से पांच से अधिक संदिग्ध को उठाया गया, जो पूर्व में किसी हत्या या किसी गैंग के गुर्गे रह चुके थे। इसके बाद पांच संदिग्ध में पुलिस को तीन पर संदेह हुआ। उसमें एक उमेश कुमार भी था।
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