Bihar: 500 करोड़ के बैंक घोटाले का मामला; पटना HC ने केंद्र सरकार को जांच एजेंसी तय करने के दिए निर्देश
पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को छह सप्ताह में जांच एजेंसी तय करने के संबंध में रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नवनीत कुमार एवं धर्मजय कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई की।

राज्य ब्यूरो, पटना: पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को छह सप्ताह में जांच एजेंसी तय करने के संबंध में रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नवनीत कुमार एवं धर्मजय कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नाबार्ड को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
नाबार्ड ने सौंंपी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि नाबार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ वित्तीय अनियमितता मिली है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस मामले की जांच के संबंध में रिपोर्ट पेश करे कि इस मामले की जांच सीबीआई करेगी या कोई अन्य एजेंसी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता शिव प्रताप ने रिजर्व बैंक के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा- यदि घोटाले की रकम तीन करोड़ रुपये से ज्यादा है तो मामले को सीबीआई जांच के लिए भेजा जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 8 अगस्त 2023 को एसएसपी, मुजफ्फरपुर ने अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर कर बताया था कि सभी अभियुक्तों के विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला।
सीबीआई कर रही है घोटाले की जांच
वर्तमान में सीबीआई वैशाली जिला के कस्तूरीसराय शाखा में हुए घोटाले की जांच कर रही है। मुजफ्फरपुर के एसएसपी द्वारा मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई से कराने के अनुरोध को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा काज़ीमुहम्मदपुर थाना कांड संख्या 83/2022 बिना किसी जांच के बंद कर वादी पर ही आरोप लगा दिया गया था, जिसपर कोर्ट के हस्तक्षेप से पुनः सुनवाई की जा रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।
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