बिहार: 34540 शिक्षकों को नहीं मिल सकता 1950 की पेंशन योजना का लाभ
पटना हाईकोर्ट ने 34540 शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया कि इन्हें 1950 की पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सकता है। ...और पढ़ें

पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में 34540 शिक्षकों को बड़ा झटका दिया। अदालत ने 2010 में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर बहाल हुए 34540 सहायक शिक्षकों को सरकारी पेंशन योजना का लाभ देने से इनकार कर दिया है। वर्तमान में इन शिक्षकों को केवल कंट्रीब्यूटरी पेंशन का लाभ ही दिया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने नंदकिशोर ओझा एवं अन्य शिक्षकों द्वारा दायर याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। इन शिक्षकों ने स्थायी शिक्षकों की तर्ज पर पेंशन एवं अन्य प्रकार की सुविधाएं दिए जाने की मांग की थी।
खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 1950 की सरकारी पेंशन योजना 2010 से पहले ही समाप्त कर दी गयी थी। जबकि 34540 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन वर्ष 2010 में प्रकाशित किया गया था। लंबी अदालती लड़ाई लडऩे के बाद क्रमश: इनकी नियुक्ति हुई थी। पेंशन योजना का लाभ इन्हें नहीं दिया जा सकता है।
वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से न्यायालय से गुहार लगायी गई थी कि इनकी नियुक्ति के लिए 2003 में ही विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। सरकार की गलत नीति और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 34540 शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया। इन सब परिस्थितियों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है न कि शिक्षक। अदालत को यह भी जानकारी दी गयी थी कि जिन सहायक शिक्षकों की पूर्व में नियुक्ति हुई थी उन्हें सरकारी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।