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    Water Metro: बिहारवासियों को जल्द मिलेगी वाटर मेट्रो की सुविधा, गंगा नदी पर चलेंगे 25 इलेक्ट्रिक जहाज

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    पटना में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने की उम्मीद है। पहला इलेक्ट्रॉनिक जलयान कोलकाता से रवाना हो चुका है। 12 सौ करोड़ की इस योजना के तहत 25 इलेक्ट्रॉनिक जहाज चलाए जाएंगे। पहले चरण में वाटर मेट्रो दीघा से कंगन घाट के बीच चलेगी जिसमें गांधी घाट और गायघाट पर ठहराव होगा। जहाज में 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है।

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    वाटर मेट्रो के लिए गंगा में चलेंगे 25 इलेक्ट्रिक जहाज। फोटो जागरण

    अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। बिहार विधान सभा चुनाव की तारीख का एलान होने से पहले पटना स्थित गंगा में वाटर मेट्रो शुरू होने की उम्मीद है। सड़कों व पुलों का जाल बिछने, पटना रेल मेट्रो सेवा शीघ्र आरंभ होने के बाद वाटर मेट्रो आरंभ होने से आवागमन बेहद सुगम हो जाएगा।

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    महानगर के तर्ज पर तेजी से विकसित हो रहे राजधानी पटना में जल परिवहन का एक नया और आकर्षक विकल्प दैनिक यात्रियों और देसी पर्यटकों के सामने होगा।

    इस विशेष सेवा की शुरूआत के लिए पहला इलेक्ट्रानिक जलयान कोलकाता से पटना के लिए रवाना हो चुका है। 16 सितंबर तक इसके पहुंचने की संभावना है। सुविधाओं से सुसज्जित दूसरा इलेक्ट्रानिक जहाज भी इसी माह के अंत तक पटना पहुंच जाएगा।

    यह बातें गायघाट स्थित भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्लूएआइ) के निदेशक अरविंद कुमार ने कहीं। उन्होंने बताया कि पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 12 सौ करोड़ की वाटर मेट्रो योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।

    इस योजना के तहत गंगा में 25 इलेक्ट्रानिक जहाज चलाना संभावित है। पटना में इसके लिए स्थान चिह्नित किया जा चुका है। वाटर मेट्रो का परिचालन पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा।

    दीघा से कंगन घाट के बीच गांधी घाट व गायघाट पड़ाव

    आइडब्लूएआइ के निदेशक ने बताया कि प्रथम चरण में गंगा में वाटर मेट्रो दीघा से कंगन घाट के बीच शुरू होगा। लगभग बीस किलोमीटर की इस दूरी में एनआइटी पटना स्थित गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट पर जहाज का ठहराव होगा।

    गांधी घाट और गायघाट में बंदरगाह तैयार है। दीघा की तरह कंगन घाट पर तैरता बंदरगाह (फ्लोटिंग जेटी) बनाया जाएगा। पर्यटक वाटर मेट्रो से गंगा के विकसित घाटों का आनंद लेंगे।

    एसी इलेक्ट्रानिक जहाज में 50 यात्री बैठेंगे

    निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि कोलकाता से पटना पहुंचने वाला जहाज वातानुकूलित है। इसमें पचास यात्रियों के बैठने के लिए सीट है। अन्य जरूरी सुविधाएं हैं। यह जहाज विद्युत से चलेगा।

    इसके लिए दीघा और गांधी घाट में चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। जहाज को सौर्य उर्जा से चलाने के लिए सोलर प्लेट भी लगाने की योजना है। वाटर मेट्रो सेवा के लिए यह विशेष जहाज केरल के कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।

    यात्रियों की संख्या बढ़ने पर एक सौ बैठने की क्षमता वाला जहाज भी पटना पहुंचेगा। वाटर मेट्रो का विस्तार पटना के उत्तर में गंडक, सोनपुर, हाजीपुर, कोनहरा, दानापुर, बिदुपुर, दीदारगंज, कच्ची दरगाह, सबलपुर आदि इलाकों में भी किया जा सकेगा।