बिहार में अब मिलेगा तुरंत न्याय, जघन्य कांडों और आर्म्स एक्ट के लिए बनेंगे 200 फास्ट ट्रैक कोर्ट
बिहार में जघन्य कांडों और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे के लिए लगभग 200 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग ...और पढ़ें
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200 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट का होगा गठन। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में जघन्य कांडों के साथ आर्म्स एक्ट से जुड़े कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए करीब 200 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाएगा।
इसमें दोनों मामलों के लिए 100-100 कोर्ट हाेंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेज दिया है। विधि विभाग के स्तर से इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट के पास भेजा जा रहा है। हाईकोर्ट के स्तर से सहमति मिलने के बाद इसके गठन की विधिवत प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
वर्तमान में राज्यभर में जिला स्तर पर पॉक्सो, एससी-एसटी समेत अन्य विशेष न्यायालय मौजूद हैं। इनके माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होने से हत्या, दुष्कर्म समेत अन्य तरह के जघन्य अपराध में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने की दर में और तेजी से बढ़ोतरी होगी। अभी कुछ विशेष कोर्ट के अतिरिक्त अन्य न्यायालयों के माध्यम से पुलिस महकमा सभी तरह के जघन्य अपराधों में बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा दिलाई जा रही है।
हथियार तस्करों पर नकेल के लिए आर्म्स एक्ट के कांडों का भी जल्द निष्पादन की योजना बनाई जा रही है, ताकि अवैध हथियार रखने वाले अपराधियों की सजा दर बढ़ाई जा सके।
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव भेजा गया है। इससे अपराधियों खासकर जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को कम समय में कठोर सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
विशेष न्यायालय ने सुनाई 1.27 लाख अपराधियों को सजा
फिलहाल विशेष न्यायालय समेत अन्य कोर्ट के माध्यम से मुकदमों का त्वरित विचारण कराया जा रहा है। इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 1 लाख 27 हजार 993 अपराधियों को सजा दिलाई गई है।
इनमें तीन को मौत की सजा, 1050 को उम्रकैद, 502 को दस वर्ष से अधिक की सजा, 1279 को दस वर्ष तक की सजा और 2253 को दो वर्ष तक की सजा दिलाई गई है।
इसके पूर्व जघन्य कांडों में वर्ष 2023 में 2 लाख 31 हजार 104 जबकि 2024 में 1 लाख 85 हजार 820 अपराधियों को सजा सुनाई गई थी।

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