बिहार में दस वर्षों में 1445 गोद लिए बच्चों का हुआ पंजीकरण, पटना सबसे आगे
सबसे अधिक 101 पंजीकरण राजधानी पटना में दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों से सामने आई है।अगर कोई व्यक्ति या दंपती बेटा गोद ले रहा है तो उनके पास पहले से अपना बेटा नहीं होना चाहिए। इसी तरह बेटी गोद लेने के लिए पहले से अपनी बेटी नहीं होनी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में पिछले दस वर्षों में 1,445 दंपत्तियों ने गोद लिए बच्चों के गोदनामा का पंजीकरण कराया है। इनमें सबसे अधिक 101 पंजीकरण राजधानी पटना में दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों से सामने आई है।
राज्य में बच्चा गोद लेने के लिए नियम निर्धारित हैं। कोई भी व्यक्ति या दंपती आपसी सहमति से बच्चा गोद ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति या दंपती बेटा गोद ले रहा है, तो उनके पास पहले से अपना बेटा नहीं होना चाहिए। इसी तरह, बेटी गोद लेने के लिए पहले से अपनी बेटी नहीं होनी चाहिए।
गोद लेने वाले पुरुष या महिला की आयु गोद लिए जाने वाले बच्चे की आयु में कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना चाहिए। इसके साथ ही गोद लिए जाने वाले बच्चे की आयु 15 वर्ष से कम होनी चाहिए। बच्चा गोद देने वाले व्यक्ति या दंपती की सहमति भी अनिवार्य है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, गोदनामा पंजीकरण के लिए दो हजार रुपये स्टाम्प शुल्क और 1,500 रुपये निबंधन शुल्क देना होता है। हालांकि पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह भविष्य की कानूनी जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। गोद लिया बच्चा गोद लेने वाले परिवार की संपत्ति में वही अधिकार पाता है, जो जैविक संतान को मिलता है। गोद देने वाले परिवार की संपत्ति में उसका कोई हक नहीं होता। गोदनामा एकबार पंजीकृत होने के बाद रद नहीं किया जा सकता।
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