बिहार में सिंचाई के लिए किसानों को इतने घंटे मिलेगी बिजली; कृषि फीडरों को दिए गए सख्त निर्देश
विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने उत्तर बिहार में अल्प वर्षा की स्थिति की समीक्षा की और कृषि फीडरों को 14 घंटे बिजली देने का निर्देश दिया। बैठक में 16 जिलों में वर्षा पेयजल और फसलों की स्थिति पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और भूजल स्तर का आकलन करने का निर्णय लिया। खरीफ फसलों की बुवाई पर भी विचार किया गया।

राज्य ब्यूरो, पटना। विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सोमवार को उत्तर बिहार में अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि कृषि फीडरों को कम से कम 14 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में बताया गया कि उत्तर बिहार के 16 जिलों में अल्प वर्षा हुई है। इन जिलों में पेयजल, फसल आच्छादन और नहरों के अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता की क्या स्थिति है, इसकी समीक्षा की गई।
बैठक में कृषि विभाग और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव, बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव शामिल हुए। वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, गोपालगंज, सीवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले के जिला पदाधिकारी भी जुड़े।
- बैठक में वर्षा की स्थिति: उत्तर बिहार में हाल ही में हुई वर्षा की स्थिति, भूजल स्तर और फसल आच्छादन की समीक्षा की गई।
- खरीफ फसल आच्छादन की स्थिति: खरीफ फसलों की बुवाई और उनके आच्छादन की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।
- बिजली की उपलब्धता की स्थिति: बैठक में जिलावार बिजली की उपलब्धता और वितरण की स्थिति पर चर्चा की गई और जिलों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
- भूजल स्तर और पेयजल की उपलब्धता: बैठक में भूजल स्तर और पेयजल की स्थिति का भी आकलन किया गया ताकि पेयजल आपूर्ति में कोई समस्या उत्पन्न न हो।
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