By Edited By: Mohammad Sameer
Updated: Sun, 09 Jul 2023 05:30 AM (IST)
Online Crime ऐप के माध्यम से आने वाली राशि का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग आदि में भी होने की आशंका है। ईओयू की जांच में ये बातें भी आई है कि साइबर ठग ऐप से ऋण देने के बहाने ग्राहकों से जुड़ी सारी जानकारी पा लेते हैं। इसके अलावा कई बार फोन भी हैक कर साइबर अपराध को अंजाम देते हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना: मोबाइल ऐप के जरिए कर्ज देने और जुआ खेलाने के नाम पर लोगों को ठगने और जबरन वसूली करने वाले ऐप प्रतिबंधित किए जाएंगे। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने ऐसे 130-135 ऐप चिह्नित किए हैं।
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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुशंसा की गई
इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रानिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुशंसा की गई है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, कई जिलों से ऐसे जुआ व गेम खिलाने और कर्ज देने वाले ऐप की शिकायतें मिली हैं। पटना, औरंगाबाद, जमुई जैसे जिलों में ऐसे ऐप और इनसे जुड़े लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
इसमें कहा गया है कि यह ऐप पैसे उधार देकर काफी अधिक ब्याज पर राशि की वसूली करते हैं। पैसे न देने पर धमकी भी दी जाती है। यह आईटी एक्ट के उल्लंघन के साथ आपराधिक कृत्य भी है। इसके अलावा ऐसे ऐप देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।
साइबर ठग ऐप से ऋण देने के बहाने ग्राहकों से जुड़ी जानकारी पा लेते हैं
ऐप के माध्यम से आने वाली राशि का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग आदि में भी होने की आशंका है। ईओयू की जांच में ये बातें भी आई है कि साइबर ठग ऐप से ऋण देने के बहाने ग्राहकों से जुड़ी सारी जानकारी पा लेते हैं। इसके अलावा कई बार फोन भी हैक कर साइबर अपराध को अंजाम देते हैं।
इन जानकारियों का इस्तेमाल आरोपी कंपनी द्वारा अन्य वित्तीय अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है। ब्याज दर का हवाला देते हुए दिए गए कर्ज से दोगुनी-तिगुनी राशि मांगी जाती है जब उसे चुकाने से मना किया जाता है, तो कर्ज लेने वाले के मोबाइल फोन के सभी नंबरों पर अश्लील सामग्री भेजकर प्रताड़ित किया जाता है।
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