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    पटना के IGIMS में लिफ्ट के अंदर फंसे 13 लोग, दो बेहोश होकर गिरे; दरवाजा तोड़कर किया गया रेस्क्यू

    By Nalini RanjanEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 08:07 AM (IST)

    पटना के चर्चित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (IGIMS) के लिफ्ट में रविवार को लगभग 12 मिनट तक 13 लोगों की सांसे थमी रही। लिफ्ट खुलवाने को लेकर गार्ड से मिन्नतें करते रहे और भगवान को याद करते रहे। दो युवक बेहोश होकर गिर गए। फंसे मरीज व उनके स्वजन अपने जानने वाले को भी फोन कर लिफ्ट खुलवाने को लेकर कोशिश करते रहे।

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    पटना के IGIMS में लिफ्ट के अंदर 12 मिनट तक फंसे रहे 13 लोग। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना : पटना के चर्चित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (IGIMS) के लिफ्ट में रविवार को लगभग 12 मिनट तक 13 लोगों की सांसे थमी रही। लिफ्ट खुलवाने को लेकर गार्ड से मिन्नतें करते रहे और भगवान को याद करते रहे। दो युवक बेहोश होकर गिर गए।

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    फंसे मरीज व उनके स्वजन अपने जानने वाले को भी फोन कर लिफ्ट खुलवाने को लेकर कोशिश करते रहे। नवादा के एक दंपती ने किसी तरह इमरजेंसी डायल 112 पर फोन कर पुलिस को बुलाया। लगभग 10-12 मिनट के बाद लिफ्ट को तोड़कर ग्राउंड फ्लोर के लगभग डेढ़-दो फीट ऊपर में सभी को निकाला गया। 

    लिफ्ट में फंसे नवादा के दंपती ने बताया कि दोपहर दो बजे वार्ड ब्लाक के लिफ्ट अचानक रुक गई। इसमें करीब 12-13 लोग सवार थे। इनमें कई महिलाएं व एक छोटी बच्ची भी थी। लिफ्ट के अंदर पंखा अथवा एसी की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण लिफ्ट में फंसे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। लोग पसीने से तर-बतर हो रहे थे। लिफ्ट फंसने से लोग पूरी तरह से घबराहट में थे।

    घबराहट की वजह से लोग लिफ्ट के अंदर से ही दरवाजे को जोर-जोर से पीट रहे थे। ताकि उनकी तकलीफ बाहर के लोग सुन सकें। मदद मिल सके। लिफ्ट में फंसे लोग मोबाइल से अपने स्वजनों को फोन लगा रहे थे। नेटवर्क की दिक्कत हो रही थी। आवाज कट रही थी। चिकित्सा अधीक्षक डा. अमन कुमार ने बताया कि सभी मरीज व उनके स्वजन सुरक्षित रूप से निकाल लिए गए हैं। मामले की जांच को लेकर लिफ्ट को सील कर दिया गया है।

    बड़ी मुश्किल से हुई स्वजनों से बात

    पीड़ित विनय कुमार पांडेय ने बताया कि बड़ी मुश्किल से एक -दो लोगों की बात उनके स्वजनों से हुई। लिफ्ट में फंसे एक सख्स ने पुलिस के 112 डायल पर भी सूचना दी। एक-दो बार लिफ्ट ऊपर-नीचे होता रहा। हालांकि, लिफ्ट के अंदर की लाइट जल रही थी। कुछ देर के बाद लिफ्ट पहले तल पर आकर रूकी।

    इसके बाद लोगों ने अंदर से जाेर लगाकर किसी तरह से दरवाजा को खोलना चाहा। उमस भरी गर्मी और कम हवा के कारण एक व्यक्ति गश्त खाकर लिफ्ट में ही बैठ गया। मदद के तौर पर दूसरे साथी ने पानी का बोतल दिया। इससे कुछ राहत मिली। लिफ्ट के रूकने के बाद वहां तैनात एसआईएस गार्ड के जवानों व स्थानीय लोगों ने गेट को खोलने का भरपूर प्रयास किया।

    एसआईएस गार्ड के जवान अंदर के लोगों को हिम्मत रखने का भरोस दे रहे थे। मदद के तौर पर एक बोतल पानी हल्की खुली गेट से दी गई। जिसे अंदर के लोग पीए। फिर टेक्निशन को बुलाया गया। इसके बाद बड़ी मशक्कत से गेट को खोलकर सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया। खुली हवा में आकर लोगों ने राहत की सांस ली। इस घटना के बाद तत्काल उस लिफ्ट को बंद कर दिया गया।