रिविजनल सर्वे से सरकारी जमीन की होगी पहचान
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पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग के सचिव हुकुम सिंह मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को सूर्यगढ़ा से सर्वे के डाटा केंद्रों का शुभारंभ वीडियो कांफ्रेंसिंग से करेंगे। उन्होंने कहा कि हवाई सर्वे से नक्शा व रिविजनल सर्वे का कार्य तीन वषरें में पूरा होगा। सर्वे से सरकारी जमीन की पहचान होगी जिससे उद्योग के लिए भूमि आवंटित करना आसान होगा। ट्रांसफार्मर में चिप्स लगे रहने पर जलते ही सूचना मिल जाएगी।
उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि इस तकनीक की गुणवत्ता की जांच नालंदा जिला के कतरीसराय अंचल में किया गया । जमीनी स्तर पर सत्यापन में कोई फर्क नहीं रहा। बिहार में 1888-1915 ई. में कैडेस्ट्रल सर्वे द्वारा भू-अभिलेख अद्यतन किया गया था। इस कार्य में 40 वर्ष गुजर गए थे। आधुनिक तकनीक से एक माह में चार जिले के बड़े भू-भाग का मानचित्र तैयार हो जाएगा। सर्वेक्षण के भू-खंड की मापी के लिए प्रत्येक गांव में एक नियंत्रण बिंदु होगा जिससे किसी भी भूखंड की 10 से 15 मिनट में की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति अपने प्लाट की मापी कराना चाहेगा तो इसी स्थल से मापी हो जाएगी। सर्वे में आहर,पइन व नदी की जमीन कब्जा करने वालों का नाम भी उजागर किया जाएगा। जमीन की खरीद बिक्री होते ही सर्वे में वर्तमान रैयत का नाम शामिल हो जाएगा। किसान सेवा केंद्रों को अभिलेखागार से जोड़ दिया जाएगा ,जहां रैयतों को नक्शा व खतियान कुछ ही क्षण में मिल जाएगा।
वन की अधिकता वाले चार जिले जमुई,बांका,बेतिया व नवादा में जमीन पर टीएस,डीजीपीएस तकनीक से रिविजनल सर्वे द्वारा मानचित्र तैयार होगा। वन क्षेत्र में हवाई सर्वे में प्लाट का नक्शा नहीं आ सकेगा।
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