लोक लेखा समिति ने निगरानी जांच की सिफारिश की
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जागरण ब्यूरो, पटना : विधानसभा की लोक लेखा समिति ने भवन निर्माण विभाग दरभंगा प्रमंडल की अनियमितताओं की निगरानी जांच की सिफारिश की है। समिति ने यह सिफारिश महालेखाकार की आपत्तियों पर की है। जांच के लिए तीन महीने का समय दिया गया है।
सिंचाई विभाग के सामने कांफ्रेंस हाल के निर्माण से संबंधित महा लेखाकार की आपत्तियों का निष्पादन कर दिया गया है। कांफ्रेंस हाल के निर्माण के मामले में महालेखाकार की आपत्ति ठेके और निर्माण को लेकर थी। इस कांफ्रेंस हाल के लिए भवन निर्माण एवं आवास विभाग ने फरवरी 1998 में साढ़े तीन करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। भवन निर्माण प्रमंडल एक के कार्यपालक अभियंता ने बिना तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासनिक अनुमोदन के निविदा जारी कर दी थी। तीन संवेदक निविदा में शामिल हुए। इनमें से दो ने काम करने से इंकार कर दिया। तीसरे निविदादाता को 15. 75 फीसद बढ़े दर पर काम दिया गया। इसके चलते 20 लाख रुपये का बोझ राज्य के खजाने पर पड़ा।
रिपोर्ट के मुताबिक कार्यपालक अभियंता ने स्वीकार किया कि निर्धारित अवधि तक काम पूरा नहीं हुआ। निर्माण के दौरान ही भवन टूटने लगा। निर्माण में पांच साल लग गए। दो करोड़ 21 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसके बाद भी निर्माण अधूरा रहा। लोक लेखा समिति ने भवन निर्माण विभाग के दरभंगा प्रमंडल के दो वित्तीय वर्षो के कामकाज की निगरानी जांच की सिफारिश की है। जांच के दायरे में वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 को रखा गया है। समिति ने माना है कि इस प्रमंडल में कपटपूर्ण निकासी की गई है। इस सिफारिश के साथ ही समिति ने मामले को निष्पादित कर दिया है।
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