Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नव नालंदा महाविहार में फहराया 100 फीट ऊंचा राष्‍ट्रध्‍वज, कुलपति बोले-स्‍वतंत्रता न बने स्‍वच्‍छंदता

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Sun, 15 Aug 2021 04:04 PM (IST)

    नालंदा जिला स्थित नव नालंदा महाविहार में सौ फीट ऊंचे राष्ट्र ध्वज का लोकार्पण व ध्वजारोहण। कुलपति ने कहा कि कर्तव्य की निष्ठा देश के सम्मान व प्रगति का आधार। स्‍वतंत्रता हमारा कर्तव्‍य भी। इसे स्‍वच्‍छंदता नहीं बनने दें।

    Hero Image
    नव नालंदा महाविहार में लहराया सौ फीट ऊंचा तिरंगा। जागरण

    बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता। Independence Day 2021 नव नालंदा महाविहार (डीम्‍ड विश्‍वविद्यालय) (Nav Nalanda Mahavihara, Deemed University) में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने 15 अगस्त को ध्वजारोहण  किया। उन्‍होंने एक सौ फीट ऊंचे ध्वज का लोकार्पण व ध्वजारोहण भी किया। कहा कि इससे लोगों के मन में देशभक्ति व वीरता का संचार होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कर्तव्‍यनिष्‍ठा है देश के सम्‍मान व प्रगति का आधार

    इस अवसर पर भारत के नायकों को उन्होंने याद किया। उन्होंने कर्तव्यनिष्ठा को देश के सम्मान व प्रगति का आधार बताया। कहा कि इतिहास पुरुष पृथ्वी राज चौहान , सुभाष चंद्र बोस आदि की स्मृति हमें प्रेरणा देती है। अंग्रेज़ों ने भारत में स्वाधीनता की मांग करने वाले बहुतेरे लोगों को यातनाएं दीं। यहां नालंदा की स्थानिकता की बात करें तो जेठियन के पूर्वजों को अंग्रेज़ों ने पेड़ पर लटकाया। हमारी  स्वाधीनता देश के लिए प्राणपण से संघर्ष करने वाले सेनानियों की वजह से है। आज़ादी का उत्सव  औपचारिकता नहीं।यह कुर्बानी को याद करने का दिन है।

    कहा कि स्‍वतंत्रता अधिकार ही नहीं कर्तव्‍य भी 

    वास्तव में स्वतंत्रता अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है। उन्‍होने कहा कि इस स्‍वतंत्रता को स्वच्‍छंदता में न बदलने दें। भारत प्राचीन काल से विश्व गुरु रहा है। इसे फिर से प्रतिष्ठा दिलाने को सचेष्ट हों। उदाहरण के रूप में विश्व योग-दिवस हमारी उपलब्धि है। आज चीन पर कोरोना में संदेह व्यक्त किया गया, तब भी विश्व स्तर पर भारत पर भरोसा। आज राष्ट्र की सेवा यह है कि हर नागरिक अपनी क्षमता के अनुसार श्रेष्ठतम योगदान करे। विद्यार्थी -शोधार्थी अपना कार्य करें। स्तर सुधारें। शिक्षक अध्यापन की गुणवत्ता पर ध्यान दें। नियमित रहें, सृजनशील बने रहें। भारत विश्व में अपनी संस्कृति की विशेषताओं के कारण आज भी मूल्यवान बना हुआ है।

    इस अवसर पर डॉ. नीहारिका लाभ के साथ नव नालंदा  महाविहार के आचार्य, कुलसचिव डॉ सुनील प्रसाद सिन्हा, गैर शिक्षण सदस्य, शोधार्थी व अन्य विद्यार्थी उपस्थित थे।