ठंड का प्रकोप बढ़ा: लापरवाही पड़ सकती है भारी... बच्चों को सर्दी से कैसे बचाएं?
पटना में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इस मौसम में लापरवाही भारी पड़ सकती है। बच्चों को सर्दी से बचाने के लि ...और पढ़ें

लापरवाही पड़ सकती है भारी
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में तापमान लगातार गिर रहा है और शीतलहर का असर तेज होता जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी, निमोनिया, फ्लू और वायरल संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती बन गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए थोड़ी-सी लापरवाही भी बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है।
छोटे बच्चों पर ज्यादा खतरा क्यों?
बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता। ठंड लगने से उनके शरीर का तापमान तेजी से घटता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। खासकर वे बच्चे जो समय से पहले जन्मे हों, एलर्जी से ग्रसित हों या अस्थमा की समस्या से पीड़ित हों, उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है।
डॉक्टरों ने बताए जरूरी एहतियात
पटना के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि ठंड के मौसम में बच्चों को लेयरिंग यानी परतदार कपड़े पहनाना सबसे जरूरी है। एक मोटे स्वेटर की बजाय हल्के लेकिन कई परतों वाले कपड़े ज्यादा बेहतर सुरक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम का वक्त बच्चों के लिए सबसे ज्यादा जोखिम भरा होता है, इसलिए अनावश्यक बाहर घूमने से बचाना चाहिए।
घरों में गर्माहट बनाए रखें
कई घरों में ठंड लगने की बड़ी वजह कमरे का तापमान कम होना है। डॉक्टरों के अनुसार—
- घर के कमरे बंद रखें लेकिन थोड़ी वेंटिलेशन बनी रहे
- छोटे बच्चों को सीधा ठंडी हवा या पंखे की हवा न लगने दें
- नहाने के लिए हल्का गुनगुना पानी ही इस्तेमाल करें
- नहाने का समय दिन में 11 बजे से 3 बजे के बीच रखें
- बच्चों के खान-पान में भी बदलाव जरूरी
- बाल चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में बच्चों को ऐसा भोजन दिया जाए जो शरीर में गर्माहट बढ़ाए और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करे।
- उनकी डाइट में घी, खिचड़ी, गर्म दूध, सूखे मेवे का पाउडर, गुड़, हल्दी, सूप और मौसमी फल शामिल करना चाहिए।
- छोटे बच्चों को बार-बार पानी पिलाएं, क्योंकि सर्दी में प्यास कम लगती है लेकिन डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है।
वायरल संक्रमण से ऐसे बचाएं
- ठंड के मौसम में वायरल संक्रमण तेजी से फैलता है। इसलिए साफ-सफाई अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- बच्चों के हाथ दिन में कई बार धुलवाएं
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर लेकर जाने से बचें
- अगर घर में किसी को सर्दी-खांसी है तो बच्चे से थोड़ी दूरी रखें
- मास्क पहनाना बड़ी उम्र के बच्चों के लिए फायदेमंद
डॉक्टरों का कहना है कि यदि बच्चे को लगातार खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत या सीने में घरघराहट की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। देरी करने पर मामला निमोनिया तक पहुंच सकता है, जो सर्दियों में बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
माता-पिता बरतें विशेष सावधानी
विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को ठंड की गंभीरता को देखते हुए बच्चों की दिनचर्या में थोड़े बदलाव करने चाहिए। सुबह की स्कूल बस का इंतजार करते समय बच्चों को टोपी, ग्लव्स और मफलर जरूर पहनाएं।
रात में सोते वक्त कमरे में हल्की गर्माहट बनाए रखें और बच्चे को कंबल के नीचे अच्छी तरह ढककर सुलाएं।
ठंड का मौसम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सावधानी और उचित देखभाल से बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।
डॉक्टरों की सलाह है कि गर्म कपड़े, पौष्टिक भोजन, साफ-सफाई और समय पर इलाज, ये चार बातें अगर माता-पिता ध्यान में रखें, तो बच्चे इस मौसम में पूरी तरह सुरक्षित रह सकते हैं।

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