परीक्षण के 11 माह बाद भी शुरू नहीं हुआ ट्रेन परिचालन
जिले के तिलैया -कोडरमा रेलखंड पर परीक्षण के ग्यारह माह बाद भी ट्रेनों का परिचालन आरंभ नहीं हो सका है।
जिले के तिलैया -कोडरमा रेलखंड पर परीक्षण के ग्यारह माह बाद भी ट्रेनों का परिचालन आरंभ नहीं हो सका है। ऐसे में इस रेलखंड से जुड़ने वाले लोगों को परिचालन आरंभ होने का इंतजार करना पड़ रहा है। और तो और असामाजिक तत्वों द्वारा स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं के लिए लगाए गए सामानों की चोरी की जा रही है। ठेकेदारों द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने के बावजूद मदद नहीं किए जाने से उनकी परेशानियां बढ़ी हुई है। कब हुआ परीक्षण
- तिलैया-कोडरमा रेलखंड पर तिलैया से खरौंध तक रेलवे का परिचालन आरंभ कराने के लिए रेलवे के सीईओ बीके चौधरी व दानापुर रेल मंडल के डीआरएम आरपी ठाकुर ने 10 फरवरी 2018 को परीक्षण किया था। तब लोगों को उक्त रेलखंड पर जल्द ट्रेनों का परिचालन की उम्मीदें जगी थी। परीक्षण के दौरान तिलैया-लौंद रेलवे स्टेशनों के बीच तीन स्थानों पर तकनीकी खामियां पाई गई थी। परिणाम यह हुआ कि इस रेलखंड पर पटना से खरौंध तक परिचालन कुछ समय के लिए टाल दिया गया था। परीक्षण के ग्यारह माह गुजर गए लेकिन अबतक रेल प्रशासन द्वारा तकनीकी कमियों को दूर नहीं किया जा सका है। असामाजिक तत्वों द्वारा की जा रही चोरी
- हालात यह है कि असामाजिक तत्वों द्वारा लौंद स्टेशन पर लगाए गए सामानों की लगातार चोरी की जा रही है। मसलन यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए गए दो चापाकलों को उखाड़ लिया गया तो पानी टंकी को तोड़ डाला गया। और तो और यात्री शेड के लिए लगाए गए फाइबर तक को नष्ट कर दिया गया। स्टेशन परिसर में लगाए गए रोशनी के लिए लाइट तक खोल कर चोरी कर ली गई। रेलखंड निर्माण में है विलंब
- कोडरमा तक बनने वाली 65 किलोमीटर लंबी रेल लाइन में से तिलैया से खरौंध तक 23 किलोमीटर लंबी लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष बचे 42 किलोमीटर लम्बे रेलखंड का निर्माण कार्य कराया जाना है। इनमें से खरौंध रेलवे स्टेशन के बाद 25 किलोमीटर जंगल व पहाड़ है। जो वन भूमि है। इसके लिए वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया है। इसके साथ ही करीब आठ किलोमीटर रेलवे लाइन का निर्माण संपन्न कराया गया है, शेष का निर्माण कराया जाना है। इनमें 25 किलोमीटर रेलवे लाइन में पांच सुरंगों का निर्माण कराया जाना है। कहते है संवेदक
- रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की सूचना कई बार सिरदला थाना को दी गई, लेकिन एकबार भी कार्रवाई न होने से उन्हें आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
धर्मेन्द्र कुमार, संवेदक कर्मी, रेल पथ निर्माण, तिलैया-कोडरमा रेलखंड।