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    नवादा के हरदिया पंचायत के चिरैला विद्यालय का खेल मैदान अधूरा, छात्रों में निराशा, ग्रामीणों में आक्रोश

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 12:54 PM (IST)

    नवादा जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत अंतर्गत चिरैला विद्यालय का खेल मैदान निर्माण अधूरा रहने से छात्र-छात्राओं में निराशा व्याप्त है। सरकार द्वारा विद्यालयों में खेल को बढ़ावा देने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाएं तो बनाई जाती हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं दिख रही।

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    अधूरा बना खेल मैदान बिना बोर्ड लगाए कार्य मनरेगा से

    संवाद सूत्र, रजौली, नवादा। नवादा जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत अंतर्गत चिरैला विद्यालय का खेल मैदान निर्माण अधूरा रहने से छात्र-छात्राओं में निराशा व्याप्त है। सरकार द्वारा विद्यालयों में खेल को बढ़ावा देने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाएं तो बनाई जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं दिख रही।

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    हरदिया चिरैला विद्यालय का मैदान इसका ताजा उदाहरण है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि छह0 महीनों पूर्व इस विद्यालय में खेल मैदान का कार्य मनरेगा से शुरू किया गया था। प्रारंभिक स्तर पर मशीन से मिट्टी भराई और समतलीकरण का काम किया गया, लेकिन बाद में कार्य रोक दिया गया। परिणामस्वरूप मैदान गड्ढों एवं अधूरा बना बास्केट बॉल का ग्राउंड और उबड़-खाबड़ हिस्सों में तब्दील होकर बेकार पड़ा है। बरसात के दिनों में मैदान में कीचड़ हो जाता है जिससे बच्चों को खेलने के बजाय खतरे का सामना करना पड़ता है।

    विद्यालय के शिक्षकों ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि मुखिया पिंटू साव एवं पीआरएस के द्वारा यह कार्य किया जा रहा था। अब बंद पड़ी है, खेल बच्चों की पढ़ाई और मानसिक विकास के लिए जरूरी है, लेकिन अधूरे मैदान के कारण विद्यालय में खेलकूद गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। बच्चे के पास खेलने के लिए कोई ग्राउंड नहीं है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य और मनरेगा विभाग की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी हुई है।

    कई बार स्थानीय स्तर पर शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं मैदान का अधूरा रहना छात्रों के लिए बड़ी समस्या है और इस पर जल्द पहल की जानी चाहिए। ग्रामीणों की मांग है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग तत्काल इस ओर ध्यान दें और जल्द से जल्द मैदान का निर्माण पूरा कराएं। यदि समय रहते कार्य पूरा नहीं हुआ तो आने वाले शैक्षणिक सत्र में बच्चों की खेलकूद गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी। इस संबंध में मुखिया पिंटू साहब से दूरभाष पर जानकारी लेने की कोशिश की तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताया।