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    चार-पांच कमरों के स्कूलों का कोड हुआ जारी

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    Updated: Mon, 11 Jul 2016 03:03 AM (IST)

    नवादा। जिले में संचालित संबद्धता प्राप्त अधिकांश माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीएसईबी संवद्धता नय ...और पढ़ें

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    नवादा। जिले में संचालित संबद्धता प्राप्त अधिकांश माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीएसईबी संवद्धता नयमावली 2011 के मानकों को

    पूरा नहीं कर रहे हैं। मैट्रिक व इंटर की संवद्धता के लिये आवश्यक संसाधन समेत विभिन्न क्षेत्रफल के 19 कमरों की आवश्यकता है। जबकि यहां चार-पांच कमरों वाले स्कूलों को कोड निर्गत कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अधिकांश विद्यालय इन मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं जिसमें रजौली का अंधरवारी किसान उच्च विद्यालय व अकबरपुर का कुलना उच्च विद्यालय इसके उदाहरण हैं। इस प्रकार के कई विद्यालय संचालित हैं जो मानकों पर खरा नहीं उतर नहीं रहे हैं। अधिकांश विद्यालयों अंधवारी को अपवाद माना जाए

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    तो वर्गों का संचालन तक नहीं होता और कागजों पर ही फार्म भरवा दिये जाते हैं। इन विद्यालयों में न तो शिक्षक आते हैं न ही छात्र-छात्राएं। इंटर

    रिजल्ट घोटाला के बाद सरकार के जांच के आदेश के बाद ऐसे विद्यालयों के संचालकों में हड़कम्प कायम हो गया है।

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    सरकारी स्कूलों के समान वेतनमान

    है आवश्यक

    - सेवा एकरारनामा,कर्मियों को भुगतेय वेतनमान व भत्ता सरकारी

    संस्थानों के नियोजित शिक्षकों के समान होना चाहिए। प्रत्येक माह की 10

    तारीख तक चेक के माध्यम से वेतन का भुगतान किया जाना आवश्यक है जो हो नहीं

    पा रहा है। संवद्धता के लिये भविष्यनिधि का प्रावधान आवश्यक है। प्रबंधन

    समिति के सदस्यों की आपसी संबंध के बारे में श्सपथ पत्र भी रहना आवश्यक

    हैं।

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    1100 वर्ग मीटर भूमि है आवश्यक

    - उच्च विद्यालय व प्लस टू स्कूलों

    का भैातिक संरचना का कुल भूतल क्षेत्रफल 1100 वर्गमीटर होना चाहिए। माध्यमिक विद्यालयों में वर्ग कक्षों के लिये 210 वर्ग

    मीटर का क्षेत्रफल आवश्यक है। इसमें वर्ग कक्ष 6 जिसका प्रत्येक का

    क्षेत्रफल 40 वर्ग मीटर जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्ग कक्ष का

    क्षेत्रफल 210 वर्ग मीटर,प्रत्येक कमरों का क्षेत्रफल 36 वर्ग मीटर होना

    आवश्यक है। इसके अलावा 30 वर्ग मीटर में प्राचार्य कक्ष,50 वर्ग मीटर में

    20 शिक्षकों के लिये स्टाफ कक्ष होना चाहिए। 50-50 वर्गमीटर का तीन

    प्रयोशाला,50-50 वर्ग मीटर का कम्प्यूटर कक्ष,गणित कक्ष व पुस्तकालय,30

    वर्गमीटर में एमपी हॉल,40 वर्गमीटर में भंडार,20-20 वर्गमीटर में चिकित्सा व

    प्रशासन कक्ष,150 वर्गमीटर में बरामदा होना आवश्यक हैं। इसके अलावा

    छात्रों के लिए 10 वर्गमीटर में चार और कर्मचारियों के लिये 5 वर्गमीटर

    में दो प्रसाधन कक्ष,ट्यूबवेल के लिये 5 वर्गमीटर व सुरक्षा गार्ड के लिये

    30 वर्गमीटर में स्टाफ क्वार्टर रहना चाहिए। इनमें से अधिकांश विद्यालय तय

    मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। अब जबकि जांच होनी है पूरी स्थिति स्पष्ट होनी तय है।