गणेश चतुर्थी पर रजौली के कलाकार बना रहे इको-फ्रेंडली मूर्तियां, मूर्तिकारों को इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद
रजौली में गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों पर हैं। कलाकार इको-फ्रेंडली मूर्तियां बनाने में व्यस्त हैं जिनकी मांग इस बार बढ़ गई है। लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी की मूर्तियों को पसंद कर रहे हैं। मूर्तिकारों को इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, रजौली। नगर पंचायत सहित प्रखंड क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार नजदीक आते ही रजौली के कलाकारों की कला जीवंत हो उठी है। नगर के मूर्तिकार दिन-रात गणेश जी की सुंदर व आकर्षक मूर्तियां बनाने में जुटे हैं।
इस वर्ष कारीगरों का फोकस खासकर इको फ्रेंडली मूर्तियों पर है, जिसकी मांग भी काफी बढ़ गई है। पिछले कुछ वर्षों से लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं। इसी कारण प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की जगह अब मिट्टी व प्राकृतिक रंगों से बनी मूर्तियां पसंद की जा रही हैं।
मूर्तिकार जयराम पंडित ने बताया, "इस साल हमें मिट्टी की मूर्तियों के कई ऑर्डर मिले हैं। लोग त्योहार का आनंद लेना चाहते हैं और साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुँचाना चाहते। ये मूर्तियाँ न केवल दिखने में सुंदर हैं, बल्कि विसर्जन के बाद आसानी से मिट्टी में मिल जाती हैं, जिससे जल प्रदूषण भी नहीं होता।"
इस साल मूर्तिकारों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। मूर्तिकारों ने बताया कि इस बार मूर्तियों की बुकिंग शुरू हो चुकी है। उनका मानना है कि इस साल गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाएगी, जिससे उन्हें अच्छी कमाई होगी।
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