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सकरी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी

गोविदपुर से सरकंडा की ओर जाने के लिए सकरी नदी में पुल नहीं रहने के कारण पांच-छह गांवों के लोगों को बरसात के दिनों में काफी दिक्कत होती है। खासकर गर्भवतियों और बीमार-बुजुर्ग को।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 12:47 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 12:47 AM (IST)
सकरी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी
सकरी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी

गोविदपुर से सरकंडा की ओर जाने के लिए सकरी नदी में पुल नहीं रहने के कारण पांच-छह गांवों के लोगों को बरसात के दिनों में काफी दिक्कत होती है। खासकर गर्भवतियों और बीमार-बुजुर्ग को। रोह प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने के लिए भी इस नदी पर कोई पुल नहीं। पानी बढ़ने पर संपर्क भंग हो जाता है। संबंधित गांवों के लोग नदी पर पुल बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से कर रहे है, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या को हल्के में ले रहे हैं। बताते चलें कि सरकंडा को जाने वाले रास्ते में सकरी नदी की चौड़ाई लगभग 500 फीट से ज्यादा है। बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ काफी विकराल रूप ले लेती है। बरसात के दिनों में उस पार के छह गांव के ग्रामीणों को आने जाने में डर लगता है। वजह पता नहीं कब बाढ़ आ जाए।स करी नदी के उस पार के छह: गांव जैसे सरकंडा, ढेलुआ, पिपरा, महावरा, सेखोपुरसराय और पाक के हजारों ग्रामीणों का आना जाना प्रखंड मुख्यालय गोविदपुर से होता है।लेकिन आने जाने में काफी दिक्कतें होती है। जब कोई गंभीर रूप बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को इलाज के लिए आना पड़ता है तो डोली या तो खाट से लाना लेजाना पड़ता है जो काफी कष्टप्रद होता है। इस गांव से आने जाने के प्रखंड मुख्यालय मात्र एक या दो किलोमीटर लगता है, लेकिन जब कभी बरसात के समय में सकरी नदी पानी से भरा होता है तो 20 किलोमीटर तय कर गोविदपुर आना पड़ता है।

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पुल बनने के फायदे

-सरकंडा पंचायत की आधा दर्जन गांवों के लोगों की राह आसान हो जाएगी। साथ ही रोह प्रखंड मुख्यालय से भी संपर्क कायम हो जाएगा। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को भी विधि-व्यवस्था संधारण में आने वाली परेशानी कम हो जाएगी। विकास के रास्ते खुलेंगे तो उग्रवाद की गतिविधियों में भी कमी आएगी।

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कहते हैं लोग

-स्कूल-कालेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं को नदी पार करने में बहुत कठिनाई होती है। साइकिल से नदी पार करना कठिन होता है। बालू पानी के बीच साइकिल चलाना परेशानी का सवब है। इसीलिए इस नदी पर पुल बनाना अति आवश्यक है।

रंजीत यादव, छात्र, सरकंडा।

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-वर्षात हो या गर्मी नदी पार करने में काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। वर्षात में महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। पुल बनाना बहुत जरूरी है।

-रेणु देवी, सरकंडा।

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-सकरी नदी के उस पार के सभी गांव की जमीन काफी उपजाऊ है। लेकिन विकास से पीछे है। पुल बन जाने सभी गांवों में विकास होगा। सबसे बड़ी समस्या आने जाने की है जो पुल बनने से दूर होगा।

लखन यादव, सरकंडा।

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-इस नदी पर पुल बनना अति आवश्यक है। क्योंकि नदी के पार यानि प्रखंड मुख्यालय गोविदपुर जाने के लिए छोटी गाड़ियां मसलन टेंपो, ई-रिक्शा चलने लगेगी। जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें कम होगी, और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

उपेंद्र यादव, ग्रामीण।

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-सकरी नदी पर पुल बनाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं। पुल निर्माण विभाग के अभियंता द्वारा स्थल नरीक्षण और मापी भी की गई है। गोविदपुर विधायक पूर्णिमा यादव और नवादा विधायक कौशल यादव भी सरकंडा-गोवंदपुर के बीच सकरी नदी पर पुल निर्माण का मामला उठा चुके हैं। कुछ माह पूर्व ककोलत पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सैकड़ों ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया गया है।

पारसनाथ यादव, पूर्व मुखिया।

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-विकास होना अच्छी बात है। सकरी नदी पर पुल की जरूरत है, बनाना चाहिए। लेकिन मेरे पास इस विषय पर कोई प्रस्ताव नहीं आया है।

कुंज बिहारी सिंह,प्रखंड विकास पदाधिकारी, गोविदपुर।


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